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इंदौर17 घंटे पहले
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- रहवासियों ने एकमत होकर गेट पर लगाए ताले, सिर्फ जरूरी काम से ही कॉलोनी से बाहर निकलते हैं लोग
लॉकडाउन के बीच मुख्य बाजारों में भले अभी ट्रैफिक उतना नहीं थमा है, लेकिन कई कॉलोनियां ऐसी हैं, जहां लोगों ने संक्रमण रोकने के लिए अपने नियम लागू कर लिए हैं। बायो बबल (कोरोना से बचाव का सुरक्षा घेरा) बनाकर इन्होंने खुद को सुरक्षित कर लिया है।
01. कोई मिलने आता है तो गेट पर लेते हैं पूरी हिस्ट्री
ट्रेजर टाउन कॉलोनी के अनुराग दुबे ने बताया हॉकर और घर पर काम करने आने वालों को ही एंट्री दी जा रही है। सब्जी और साइट पर काम करने वाले लोगों की एंट्री बंद की हुई है। रहवासी भी जब तक जरूरी न हो, बाहर नहीं जाते। रिश्तेदार आते हैं तो गार्ड हिस्ट्री लेते हैं। उनको सैनिटाइज करते हैं। इसके बाद एंट्री देते हैं। 12 अप्रैल से यही व्यवस्था लागू है।
02. जरूरी सामग्री को गार्ड सैनिटाइज करके देता है
लिंबोदी में वल्लभ ग्रीन व्यू मल्टी में रहने वाले अभिषेक गुप्ता ने बताया सिर्फ हॉकर को ही एंट्री दी जा रही है। सुबह दूध और सब्जी वाले गेट पर दे जाते हैं। गार्ड उन्हें सैनिटाइज कर हर फ्लैट में पहुंचा देता है। मल्टी में रह रहे उन्हीं लोगों को घर से निकलने की अनुमति है, जिन्हें जरूरी काम के लिए बाहर जाना पड़ रहा है। 14 अप्रैल से यही व्यवस्था कायम है।
03. रिश्तेदारों को मैसेज किया- 15 दिन न आएं
खंडवा रोड पर ईको टॉउन कॉलोनी के दोनों रास्ते रहवासियों ने एकमत होकर 12 अप्रैल से बंद कर दिए हैं। लोगों ने अपने अपने रिश्तेदारों को भी मैसेज कर दिया है कि अभी 15 दिन हमारी कॉलोनी में बाहरी लोगों का आना मना है। आप भी घर से तभी बाहर निकले जब बहुत जरूरी काम हो। कॉलोनी में सुबह दूध और हॉकर्स को ही आने की अनुमति है।
इधर, तोड़ रहे अनुशासन…
कंटेनमेंट एरिया के गेट ही खोल दिए
बीमारी से मुकाबले के लिए लोग जहां स्वअनुशासन दिखा रहे, वहीं कुछ लोग अनुशासन तोड़ रहे हैं। विश्वकर्मा नगर में बगीचे के पास से एक क्षेत्र को बंद कर कंटेनमेंट एरिया बनाया है। यहां लगे बैरिकेड्स कुछ लोगों ने हटा दिए हैं।