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रतलाम4 घंटे पहले
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- भाजपा सरपंच पर रासुका की तैयारी, शराब कारखाना जमींदोज करेगी पुलिस, सहयोगी भी बनेंगे आरोपी
स्प्रिट और यूरिया से जहरीली शराब तैयार कराने वाले भाजपा सरपंच नरेंद्र कुमावत के खिलाफ रासुका की बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर ली गई है। सरपंच सामुदायिक भवन से लगे जिस कमरे में शराब बनाने का कारखाना संचालित कर रहा था उसे भी जमींदोज किया जाएगा। सरपंच के यहां से 16 लाख रुपए की स्प्रिट जब्त होने के बाद शनिवार को एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने भैरवगढ़ टीआई
ब्रजेश श्रीवास्तव को लाइन अटैच कर दिया। उनकी जगह योगेंद्रसिंह सिसौदिया को भैरवगढ़ पदस्थ किया है।
उज्जैन-उन्हेल मार्ग के बांसखेड़ी गांव में भाजपा सरपंच नरेंद्र कुमावत द्वारा जहरीली शराब बनाने की जानकारी लगने के बाद एसपी-कलेक्टर के निर्देश पर भैरवगढ़ पुलिस ने दबिश दी थी। सामुदायिक भवन के अंदर कमरे में शराब बनाने का कारखाना मिला। वहीं समीप के गांव में लखन कुमावत के खेत से 8 ड्रम स्प्रिट जब्त हुई। इसके बाद पुलिस ने सरपंच नरेंद्र को नामजद आरोपी बनाया। उसके खिलाफ गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज किया गया। सरपंच नरेंद्र फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है।
बताया जा रहा है कि उसे भाजपा के एक पूर्व विधायक का संरक्षण प्राप्त है, इसी कारण करीब पांच साल से वह गांव में जहरीली शराब बेच रहा था। पुलिस पूरी जानकारी निकलवा रही है। आरोपियों की संख्या बढ़ेगी। कलेक्टर ने फरार सरपंच के खिलाफ रासुका की कार्रवाई की बात कही, जबकि एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने बताया कि जहरीली शराब से जुड़े सहयोगी भी नहीं बचेंगे। सरपंच का सामुदायिक भवन से लगा शराब कारखाना भी ध्वस्त किया जाएगा।
गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज
बांसखेड़ी गांव में शनिवार को पुलिस टीम दोबारा पहुंची। यहां सामुदायिक भवन के पास कुंए की तलाशी ली गई, जिसमें 13 ड्रम निकले जो खाली थे। संभवत: इसमें स्प्रिट भरी होगी। पुलिस कार्रवाई की भनक लगते ही सरपंच ने इसे ठिकाने लगाने के लिए कुएं में फेंक दिया। सीएसपी एआर नेगी ने बताया फिलहाल सरपंच नरेंद्र कुमावत ही नामजद आरोपी है। उसके खिलाफ गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज किया गया है। सामुदायिक भवन का उपयोग वह कैसे कर रहा था और उसके घर कमरे में जाने का रास्ता सामुदायिक भवन से कैसे है, इस संबंध में भी संबंधित विभाग के अधिकारियों को पत्र भेजकर जानकारी मांगी गई है।
जिम्मा आबकारी विभाग के पास लेकिन बंदी ने कर रखा मुंह बंद
शनिवार को भैरवगढ़ टीआई ब्रजेश श्रीवास्तव को तो इसलिए लाइन अटैच कर दिया गया कि उन्हें लंबे समय से बिक रही शराब के बारे में जानकारी क्यों नहीं लग पाई, जबकि आबकारी विभाग के अधिकारियों पर अभी तक कार्रवाई नहीं की गई। असल जिम्मा तो उन्हीं का है। अवैध शराब पर नजर रखने से लेकर कार्रवाई तक की मुख्य जवाबदेही आबकारी विभाग की बनती है लेकिन शायद इस विभाग के पुलिसकर्मी और बीट अधिकारियों का बंदी ने मुंह बंद कर रखा है। सात महीने पहले जहरीली शराब से 14 लोगों की मौत के बाद नगर निगम के रीगल टॉकीज भवन से शराब बनाने का भंडाफोड़ हुआ था। तब भी इसमें सबसे अधिक कार्रवाई पुलिसकर्मियों पर ही हुई, जबकि आबकारी विभाग के जिम्मेदार तब भी बच गए थे।
जहरीली शराब मामले में ऐसे बच रहे हैं आबकारी के जिम्मेदार
भैरवगढ़ क्षेत्र में लंबे समय से बनाई जाती आ रही जहरीली शराब के मामले में आबकारी विभाग अपनी जिम्मेदारी से बचता नजर आ रहा है। मामले में आबकारी के सहायक आयुक्त हर्ष वर्धन राय ने मोबाइल रिसीव नहीं किया। एडीईओ आरएच पचौरी ने चर्चा की तो कहा कि दबिश के दौरान विभाग की स्थानीय टीम पुलिस के साथ ही थी। यह पूछे जाने पर कि लंबे समय से वहां जहरीली शराब बनाई जा रही थी तो विभाग के सर्कल इंस्पेक्टर को जानकारी क्यों नहीं थी? जवाब में उन्होंने कहा कि जानकारी होती तो पहले ही कार्रवाई कर देते। बोले कि सर्कल इंस्पेक्टर कृतिका द्विवेदी हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या विभागीय स्तर पर उनसे जवाब-तलब होगा, इस पर वे बोले कि वरिष्ठ व जिले के अधिकारी जानें।