इलाज के इंतजाम: पिपरिया सरकारी अस्पताल में अब 75 काेराेना मरीज हो सकेंगे भर्ती

इलाज के इंतजाम: पिपरिया सरकारी अस्पताल में अब 75 काेराेना मरीज हो सकेंगे भर्ती


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पिपरियाएक घंटा पहले

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  • वर्तमान में 45 मरीजों को भर्ती कर इलाज करने की है व्यवस्था

कलेक्टर धनंजय सिंह के निर्देश पर सरकारी अस्पताल पिपरिया को कोरोना अस्पताल बनाए जाने का काम तेजी से चल रहा है। एसडीएम ने नितिन टाले और तहसीलदार राजेश बोरासी दोनों ही संयुक्त रूप से कोरोना उपचार के इंतजामों में लगे हुए हैं। अस्पताल में कोरोना उपचार सेवाओं में वृद्धि होने के संकेत हैं। इसके बाद भी वर्तमान मे जरूरतमंद सभी मरीजों को आक्सीजन नहीं मिल पा रही है। एसडीएम टाले ने बताया कि वर्तमान में सरकारी अस्पताल में 60 मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था है।

उन्होंने बताया कि इसके पहले लगभग 45 मरीजों को भर्ती किया जा सकता था। हाल ही में अस्पताल से जनरल मरीजों को आवश्यक दवाइयां देकर उनकी सुरक्षा के लिए उन्हें घर भेजा जा रहा है। यह ऐसे मरीज हैं जो घर पर रहकर दवाइयां खा सकते हैं। वर्तमान में सरकारी अस्पताल में कोरोना के मरीज ज्यादा होने से सामान्य मरीजों के संक्रमित होने की आशंका बढ़ गई है। इसी के साथ कोरोना मरीजों को उपचार जल्दी मिलना जरूरी है।

अस्पताल में जनरल मरीजों के वार्ड खाली होने पर वहां कोरोना मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था की जा रही है। जल्दी ही शाम तक एक और वार्ड खाली हो जाएगा जिसके बाद अस्पताल में मरीज क्षमता 75 हो जाएगी। तहसीलदार बोरासी ने बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर और ऑक्सीजन मशीन के द्वारा कोरोना के मरीजों को ऑक्सीजन की सप्लाई दी जा रही है। उन्होंने बताया की कोरोना वार्ड में फिलहाल ऐसे मरीजों को ही भर्ती किया जा रहा है जिनका ऑक्सीजन लेवल 90 से कम आ रहा है।

वर्तमान में लगभग 44 मरीजों को ऑक्सीजन दी जा रही है। अभी कुछ और मशीनों के आने की संभावना है। उन मशीनों के आ जाने के बाद और भी मरीजों को ऑक्सीजन मिल पाएगी। समाजसेवी दीपक चौरसिया, सुजीत पटवा, उदय सिंह राजपूत और साथियों ने बताया कि युवाओं के समाजसेवी संगठन मित्रता परिवार के द्वारा भी लोगों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जा रही है।

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