कोरोना की चैन कैसे टूटेगी: ग्रामीण क्षेत्र में दवाओं का अभाव, मुश्किल में मरीजों की जान

कोरोना की चैन कैसे टूटेगी: ग्रामीण क्षेत्र में दवाओं का अभाव, मुश्किल में मरीजों की जान


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जबलपुर3 मिनट पहले

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  • बाहर से खरीदना बना मजबूरी, कम सैंपलिंग होने से स्थिति बिगड़ने का अंदेशा

कोरोना संक्रमण से निटपने के लिए अब ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में आवश्यक दवाएं तक कम पडऩे लगी हैं। पैरासीटामॉल जैसी आवश्यक दवाएं तक अस्पताल में कम पड़ रही हैं। अस्पताल द्वारा एक लाख पैरासीटामॉल की डिमांड भेजने पर केवल 5 हजार टैबलेट ही नसीब हो रही हैं। वहीं कोरोना मरीजों को दी जाने वाली अन्य दवाएं भी अस्पतालों में खत्म होती जा रही हैं, जबकि मरीजों की संख्या निरंतर बढ़ रही है।

इससे कोरोना मरीजों की जान बचाना मुश्किल हो रहा है।चिकित्सा विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना मरीजों को एक पूरी किट दी जाती है। इसमें पैरासीटामॉल, एजीथ्रोमाइसिन, टॉक्सीसायक्लिन, विटामिन सी, मल्टी विटामिन व आइबरमेकटेन दवाएं होती हैं। अब ग्रामीण क्षेत्र में लगातार मरीज बढऩे के साथ दवाएं भी कम पडऩे लगी हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों से दवाओं की डिमांड भेजी गई है। आने वाले कुछ दिनों में दवाओं की अपूर्ति की संभावना चिकित्सक जता रहे हैं।

यह है ब्लॉकवार स्थिति

बाहर से खरीदनी पड़ रही दवा
ये दवाएं न केवल कोरोना मरीजों को दी जाती हैं बल्कि संदिग्ध मरीज के साथ बुखार, सर्दी-खांसी से पीडि़त मरीजों को भी दी जाती है। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जब मरीजों की संख्या बढ़ रही है तो इन आवश्यक दवाओं की आपूर्ति में देरी क्यों की जा रही है? कुछ मरीज तो बाहर से दवा खरीदकर काम चला रहे हैं।

सैंपलिंग कम हो रही
ग्रामीण क्षेत्रों में सैंपलिंग कम की जा रही है। आरटीपीसीआर टेस्ट कम हो रहे हैं। सूत्रों की मानें तो जिन विकासखंडों में मरीजों की संख्या कम है, वहां टेस्ट बेहद कम हैं। टेस्ट नहीं बढ़ाए गए तो ग्रामीण क्षेत्रों में भयावह स्थिति होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगातार कोरोना संदिग्धों की मौत हो रही है। टेस्ट नहीं होने से यह पता भी नहीं चल पा रहा है कि मरीज को कोरोना था कि नहीं। ऐसी स्थिति में बिना कोरोना प्रोटोकॉल के अंतिम संस्कार हो रहे हैं। यही वजह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ी है।

रविवार को आए 53 पॉजिटिव
रविवार को आरटीपीसीआर टेस्ट में सिहोरा में 4, पाटन में 12, बरेला में 10, शहपुरा में 8, मझौली में 3 मिलाकर 37 नए पॉजिटिव सामने आए हैं। वहीं रेपिड एंटीजन टेस्ट में पनागर में 9, कुंडम में 1, पाटन में 3, मझौली में 3 मिलाकर 16 नए पॉजिटिव आए हैं। दोनों रिपोर्ट को मिला दें तो 7 ब्लॉकों में रविार को 53 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

इनका कहना है- लगातार कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं, सभी को अस्पताल से दवाएं दी जा रही हैं। दवाओं की कमी है, इसके लिए मांग पत्र भेजा गया है। दो से
तीन दिन में दवाओं की आपूर्ति होगी।
-डॉ आदर्श विश्नोई, बीएमओ पाटन

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