दिल्ली कैपिटल्स के ललित यादव की कहानी: शीशा तोड़ने पर पिता ने ट्रेनिंग के लिए समर कैंप में भेजा; कोच की सलाह पर विकेटकीपर बल्लेबाज से ऑलराउंडर बन गए

दिल्ली कैपिटल्स के ललित यादव की कहानी: शीशा तोड़ने पर पिता ने ट्रेनिंग के लिए समर कैंप में भेजा; कोच की सलाह पर विकेटकीपर बल्लेबाज से ऑलराउंडर बन गए


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दिल्ली15 मिनट पहलेलेखक: राजकिशोर

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IPL 2021 में दिल्ली कैपिटल्स की ओर से राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ दिल्ली के ऑलराउंडर ललित यादव ने डेब्यू किया। इस मैच में उन्होंने 20 रन की अहम पारी खेली। इसके बाद पंजाब किंग्स के खिलाफ दूसरे मैच में ललित ने 6 गेंदों पर 12 रन बनाए। भास्कर ने उनके पापा और कोच से अब तक के सफर पर बात की। दिल्ली के नजफगढ़ के खैरा गांव के रहने वाले ललित के पिता जिले सिंह यादव एक प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर हैं।

उन्होंने बताया कि वह भी गांव में क्रिकेट खेलते थे, हालांकि उन्होंने गली- मोहल्ले की क्रिकेट से ऊपर नहीं खेला। उनके घर में बैट और बॉल रहता था। जब ललित 6 साल के थे, तो वह अपने बड़े भाई तरूण के साथ घर के बाहर ही क्रिकेट खेल रहे थे। ललित ने शॉट मारा तो एक गेंद घर की खिड़की पर लग गई कांच टूट गया। इसके बाद उन्होंने घर के पास ही समर कैंप में ललित और तरूण को भेज दिया।

ललित के बड़े भाई को क्रिकेट में मन नहीं लगा, वहीं ललित रेगुलर ट्रेनिंग करने लगे। दो साल तक वह घर के पास ही ट्रेनिंग करने के बाद नजफगढ़ में स्पोर्टिंग क्रिकेट क्लब के कोच अमित वशिष्ठ के पास क्रिकेट के गुर सीखने लगे।

श्रद्धानंद कॉलेज से पार्ट टाइम विकेटकीपर के तौर पर खेल चुके हैं
जिले सिंह ने बताया कि ललित शुरुआत में विकेटकीपर बल्लेबाज थे। वह दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रद्धानंद कॉलेज क्रिकेट टीम में भी पार्ट टाइम विकेटकीपर के तौर पर इंटर कॉलेज प्रतियोगिता में खेल चुके हैं। लेकिन जब वह नजफगंढ़ में स्पोर्टिंग क्रिकेट क्लब में गए तो, वहां पर कोच अमित वशिष्ठ की सलाह पर गेंदबाजी पर भी फोकस करने लगे और फिर टीम में एक ऑलराउंडर के रूप में खेलने लगे।

ललित यादव अपने परिवार के साथ।

ललित यादव अपने परिवार के साथ।

मैच में रेगुलर बॉलर नहीं आने पर की गेंदबाजी, तब कोच ने गेंदबाजी पर फोकस करने की दी सलाह
अमित वशिष्ठ ने बताया कि ललित 2007 से उनके पास ट्रेनिंग कर रहा है। जब वह ट्रेनिंग के लिए आए तो शुरुआत में विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी करते थे। हालांकि नेट्स पर स्पिन गेंदबाजी भी करते थे। एक बार अंतर स्कूल टूर्नामेंट के दौरान उनका नियमित गेंदबाज नहीं आया। ऐसे में उस समय में विकेटकीपिंग के साथ ही बाद के ओवरों में उनसे गेंदबाजी भी कराई। ललित ने इस मैच में विकेट लिया। उसके बाद उन्होंने उसे रेगुलर नेट्स पर गेंदबाजी का भी अभ्यास करने को कहा। बाद वह मैचों में टीम के लिए अहम गेंदबाज बन गए। इस तरह वह विकेटकीपर बल्लेबाज से बैटिंग ऑलराउंडर बन गए।

पिछले साल स्पोर्ट्स कोटे से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में लगी नौकरी
जिले सिंह ने बताया कि ललित की श्रद्धानंद कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद स्पोर्ट्स कोटे से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में नौकरी लग गई। वह अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और दिल्ली से खेल रहे हैं।

टी-20 में लगा चुके हैं 6 गेंदों पर 6 छक्के
अमित वशिष्ट ने बताया कि ललित नजफगढ़ स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में खेले गए टी-20 मुकाबले में दो बार 6 गेंदों पर 6 छक्के भी लगा चुके हैं। जिसकी वजह से उनकी टीम स्पोर्टिंग क्लब ने 210 रन बनाए। इस मैच में ललित ने 46 गेंदों पर 130 रन भी बनाए। वहीं अंडर-14 के 40 ओवर के एक मैच में वह दोहरा शतक भी लगा चुके हैं।

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