मददगार भी भटकता रहा मदद के लिए: आपदा में लोगों को बचाने वाले का रिश्तेदार भर्ती था; ऑक्सीजन के लिए अस्पतालों में हाथ जोड़े, मंत्री को फोन लगाया, फिर भी नहीं बचा सके

मददगार भी भटकता रहा मदद के लिए: आपदा में लोगों को बचाने वाले का रिश्तेदार भर्ती था; ऑक्सीजन के लिए अस्पतालों में हाथ जोड़े, मंत्री को फोन लगाया, फिर भी नहीं बचा सके


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भोपाल44 मिनट पहले

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आपदाओं के समय सभी की मदद करने वाले लालजी शुक्ला को रिश्तेदार के लिए ही मदद नहीं मिली।

आपदा प्रबंधन (NRFDC) से जुड़े सूबेदार लालजी शुक्ला अपने सेवाकाल में प्रदेश और शहर पर आई कई आपदाओं में लोगों की जान बचाते रहे हैं। अब उन्हें जरूरत पड़ी, तो कहीं से रिस्पॉन्स नहीं मिला। उनके रिश्तेदार के लिए किसी ने मदद नहीं की। उन्होंने अस्पतालों में हाथ जोड़े, मंत्री तक को फोन लगाया, फिर भी ऑक्सीजन के अभाव में रिश्तेदार ने दम तोड़ दिया।

लालजी शुक्ला ने बताया, उनकी बहन के ससुर रमाकांत तिवारी की 16 अप्रैल को आरटीपीसीआर सैंपलिंग हुई है। रिपोर्ट आना बाकी है। तीन दिन से पीपुल्स हॉस्पिटल में एडमिट तिवारी की रविवार को मौत हो गई। तिवारी को ऑक्सीजन लगाने के लिए पिछले दो दिन से आश्वासन पर रखा गया था, लेकिन उपलब्ध नहीं कराई गई।

शुक्ला ने बताया, रिश्तेदार को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने के लिए उन्होंने सरकार द्वारा जारी कोविड अस्पतालों की सूची में से हर जगह कॉल किया, लेकिन आधे से ज्यादा अस्पतालों के नंबर बंद हैं। जो नंबर चालू हैं, वहां फोन रिसीव नहीं किया गया। यही नहीं, चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग को भी कॉल किया, लेकिन आश्वासन ही मिला। कई अस्पतालों के प्रबंधकों के आगे हाथ भी जोड़े, लेकिन नतीजा सिफर रहा।

इंदौर, सागर तक के मरीजों की दौड़ भोपाल

सागर निवासी रमेश साहू शहर की अपर्याप्त इलाज व्यवस्थाओं से मायूस होकर दो दिन से भोपाल के अस्पतालों में बेड तलाश रहे हैं, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी है। इंदौर के अंकित जैन इंजेक्शन रेमडेसिविर के लिए भोपाल के दवा बाजार और अस्पतालों की खाक छान रहे हैं।

आधे अस्पतालों के फोन बंद

राजधानी समेत प्रदेश भर में दम तोड़ती चिकित्सा सुविधाएं और इलाज के लिए तिल-तिल मरते लोग…! सरकार ने सब कुछ ठीक है, की तस्दीक कर ली। कोविड अस्पतालों की लिस्ट जारी कर दी। वास्तविकता यह है, दो दर्जन से ज्यादा चिन्हित हॉस्पिटल में से आधे के फोन बंद हैं। जो चालू हैं, उनसे रिस्पॉन्स नहीं मिल पा रहा। मंत्री की सिफारिश से लेकर अस्पताल प्रबंधन के हाथ जोड़ने तक इलाज मिलने की उम्मीद नहीं जगा पा रही।

भास्कर सवाल- कौन करेगा क्रॉस चेक

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद कॉल कर अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, इंजेक्शन की उपलब्धता जांच ली, संतुष्ट भी हो गए। सरकार ने लिस्ट जारी कर अस्पताल चिन्हित भी कर दिए, लेकिन आम इंसान को हो रही परेशानियों पर क्रॉस चेक कौन करेगा।

रिपोर्ट: खान आशु, भोपाल

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