Electric Vehicle खरीदने का इंडिया में क्या बेहतरीन समय है? प्रैक्टिकल और टेक्निकल जवाब जानें

Electric Vehicle खरीदने का इंडिया में क्या बेहतरीन समय है? प्रैक्टिकल और टेक्निकल जवाब जानें


इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदना कितना बेहतर हैं.

EV पैसेंजर कार सेगमेंट बेशक भविष्य में जरूर बढ़ा हो. लेकिन इस समय लोग ज्यादातर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स टू-व्हीलर और थ्री व्हीलर ही खरीद रहे हैं. अगर मार्च की सेल के आंकड़े देखें तो पता चलता है कि, देश में 25,640 इलेक्ट्रिक व्हीकल्स बिकें जिसमें से 90 फीसदी वाहन टू-व्हीलर और थ्री व्हीलर थे.

नई दिल्ली. देश में केंद्र सरकार और राज्य सरकारें इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ाने पर जोर दे रही हैं. जिसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें इलेक्ट्रिक व्हीकल्स खरीदने पर सब्सिडी के साथ रजिस्ट्रेशन फीस तक माफ कर रही हैं. फिर भी देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर एक शंका बनी हुई है. लोगों का मानना है कि, पेट्रोल और डीजल वाहन की तुलना में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ज्यादा भरोसेमंद नहीं हैं. क्योंकि ऑटो मोबाईल कंपनी अपने वाहन की जो रेंज बताती है वह रेंज सड़क पर नहीं मिलती. इसके साथ ही अभी देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को चार्ज करने के लिए पुख्ता इंफ्रास्ट्रक्चर भी नहीं हैं. ऐसे में ज्यादातर लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर पूरी तरह से विश्वास नहीं कर पा रहें.

EV खरीदने वाले कस्टमर का एक्सपीरियंस – दिल्ली के रहने वाले H.S. Panno ने बताया कि, उन्होंने बीते सितंबर में Tata Nexon XZ+ खरीदी थी. जिसमें कंपनी ने दावा किया था कि ये कार सिंगल चार्ज में 315 किमी की रेंज देती हैं. लेकिन उन्होंने बताया कि जब उन्होंने इस एसयूवी को यूज करना शुरू किया तो यह केवल 200 किमी की ही रेंज दे रही हैं.

यह भी पढ़ें: Volkswagen ने 2 नई इलेक्ट्रिक SUV अनवील्ड की, जानें फीचर्स और कीमत

दिल्ली सरकार ने Nexon को सब्सिडी की सूची से हटाया था – दिल्ली सरकार ने टाटा नेक्सन ईवी को सब्सिडी पाने वाली इलेक्ट्रिक गाड़ियों की सूची से हटाने का फैसला लिया था. दरअसल, आरोप लगाया गया था कि इस इलेक्ट्रिक कार की ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) की ओर से प्रमाणित माइलेज और वास्तविक-ड्राइविंग रेंज में अंतर है. इस शिकायत के बाद 1 मार्च 2021 को दिल्ली सरकार ने टाटा नेक्‍सन ईवी पर दी जाने वाली सब्सिडी पर अस्‍थायी रोक लगा दी थी. दिल्ली परिवहन विभाग (Delhi Transport Department) की तरफ से कहा गया था इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है.यह भी पढ़ें: Electric Vehicle होंगे सस्ते, Lohum कंपनी लिथियम-ऑयन बैटरी का प्रोडक्शन करेगी डबल

टाटा मोटर्स ने इस मामले पर दिया था ये जवाब – टाटा मोटर्स ने दिल्ली सरकार को दिए अपने जवाब में कहा कि, Tata Nexon के 312 किमी के माइलेज का दावा ARAI परीक्षण किया गया था. जो कि एक नोडल एजेंसी है और जो लॉन्च से पहले वाहन का परीक्षण करती है. टाटा मोटर्स ने साफ किया कि, वाहन के माइलेज के लिए ड्राइविंग स्टाइल, सडक, एसी और कई अन्य चीज भी जिम्मेदार होती है. इसके साथ ही कई बार वाहन दावा किए गए नंबर से कम या कभी-कभी दावा किए गए नंबर से अधिक माइलेज भी दे देता है. वहीं दिल्ली सरकार ने टाटा मोटर्स के इस जवाब को संतोषजनक नहीं माना.

EV की सेल में सबसे ज्यादा टू-व्हीलर और थ्री व्हीलर – EV पैसेंजर कार सेगमेंट बेशक भविष्य में जरूर बढ़ा हो. लेकिन इस समय लोग ज्यादातर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स टू-व्हीलर और थ्री व्हीलर ही खरीद रहे हैं. अगर मार्च की सेल के आंकड़े देखें तो पता चलता है कि, देश में 25,640 इलेक्ट्रिक व्हीकल्स बिकें जिसमें से 90 फीसदी वाहन टू-व्हीलर और थ्री व्हीलर थे.









Source link