Lohum कंपनी लिथियम ऑयन बैटरी का प्रोडक्शन डबल करेगी.
कंपनी की मौजूदा क्षमता करीब 300 मेगावाट-घंटा सालाना है और यूनिट के हिसाब से यह करीब 200 से 250 यूनिट रोज की हैं. जिसे बढ़ा कर कंपनी दोगुनी करना चाहती हैं.
मैन्युफैक्चरिंग और रीसायकल दोनों को बढ़ाएगी कंपनी – लोहुम के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रजत वर्मा ने कहा, ‘हमने 2022 के लिये जिस क्षमता का अनुमान जताया था, हमने अब महसूस किया है कि वह मांग के मुकाबले काफी कम होगा. हमें तुरंत और क्षमता स्थापित करनी हैं और हम अब मैन्युफैक्चरिंग और रीसायकल दोनों मामलों में अपनी क्षमता बढ़ाने की प्रक्रिया में हैं.’
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उन्होंने योजना के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, ‘इस समय, हमारा लक्ष्य अगले 12 महीने की समयसीमा में एक बड़ा एकीकृत कारखाना लगाने का है. उस कारखाने में हम रोजाना 1,000 बैटरी का विनिर्माण कर सकते हैं. साथ ही 1,000 टन पुराने कच्चे माल का प्रसंस्करण कर सकते हैं. हमारी गीगावाट- घंटा स्तर के विनिर्माण के साथ 1,000 टन क्षमता के पुनर्चक्रण केंद्र स्थापित करने की योजना है.’यह भी पढ़ें: भूल जाइये Car वाशिंग करना, इस टेक्नोलॉजी से होगी डीप क्लिनिंग
टू-व्हीलर, फोर व्हीलर और थ्री व्हीलर के लिए बनेंगी बैटरी- कंपनी की मौजूदा क्षमता करीब 300 मेगावाट-घंटा सालाना है और यूनिट के हिसाब से यह करीब 200 से 250 यूनिट रोज की हैं. नई परियोजना में निवेश के बारे में पूछे जाने पर, वर्मा ने कहा, ‘जल्दी ही हम करीब 50 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे. अगले दो से तीन साल में हमारी 200 करोड़ रुपये के निवेश की योजना है. ये निवेश दोपहिया, तिपहिया तथा चौपहिया वाहनों के लिये बैटरी विनिर्माण क्षमता बढ़ाने पर किये जाएंगे.’
उन्होंने कहा कि फिलहाल कंपनी दोपहिया, तिपहिया वाहनों के साथ भंडारण उपयोग के लिये भी बैटरी बना रही है. वर्मा के अनुसार अब कंपनी चौपहिया वाहनों के लिये भी बैटरी बनाने के पायलट परियोजना पर काम कर रही है।