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- Improvement In Oxygen Level In Hyderabad, If It Continues Like This, There Will Be No Need For Lung Transplant
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सागर3 मिनट पहले
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डॉ. सत्येंद्र मिश्रा
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में टीबी एंड चेस्ट रोग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सत्येंद्र मिश्रा का हैदराबाद के यशोदा अस्पताल में इलाज शुरू हो चुका है। उन्हें एयर एबुलेंस के जरिए सोमवार को हैदराबाद पहुंचाया गया है। हैदराबाद में डॉ. अपार जिंदल उनका उपचार कर रहे हैं। मंगलवार को डॉ. सत्येंद्र मिश्रा की हालत स्थिर बनी रही। वहीं उनके ऑक्सीजन लेवल में सुधार आया है।
हालांकि दूसरे दिन भी डॉ. मिश्रा होश में नहीं आए। डॉ. सत्येंद्र मिश्रा के भाई अशोक मिश्रा ने बताया डॉक्टर्स की टीम सत्येंद्र का उपचार कर रही है। उनका कहना है कि सत्येंद्र के ऑक्सीजन लेवल में सुधार आया है। यदि ऑक्सीजन लेवल में ऐसे ही सुधार आता रहा तो लंग्स ट्रांसप्लांट की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्हें क्रिटिकल केयर द्वारा ठीक करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि डॉक्टर करीब तीन दिनों तक डॉ. मिश्रा के ऑब्जर्वेशन में रखकर इलाज कर रहे हैं। इसके बाद उनकी सीटी स्कैन जांच की जाएगी। जांच के बाद ही लंग्स ट्रांसप्लांट का निर्णय लिया जाएगा। भाई अशोक मिश्रा ने कहा डॉ सत्येंद्र मिश्रा अभी भी होश में नहीं आए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि वह करीब तीन दिन बाद होश में आएंगे। इनकी हालत स्थिर बनी हुई है। वहीं ऑक्सीजन लेवल में सुधार हो रहा है। डॉ. सत्येंद्र की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है।
गिरते ऑक्सीजन सेचुरेशन में आया सुधार
बीएमसी के डॉ.सत्येंद्र मिश्रा 12 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव हुए थे। संक्रमित होने के बाद उन्होंने खुद का इलाज किया। लेकिन उनका ऑक्सीजन सेचुरेशन लगातार गिरता जा रहा था। स्थितियों को देखते हुए सरकार और प्रशासन की मदद से एयर एंबुलेंस से डॉ. मिश्रा को हैदराबाद बेहतर इलाज के लिए भेजा गया। इसके लिए सोमवार सुबह प्रशासन ने सागर से भोपाल तक 175 किमी का ग्रीन कॉरिडोर बनाया और एंबुलेंस से एयरपोर्ट तक उन्हें पहुंचाया था।
कोरोना शहीद डॉ. शुभम के लिए की गईं तैयारियां आईं काम
बीएमसी के डॉक्टरों ने बताया डॉ. मिश्रा की हालत में अचानक गिरावट आई। हम समझ नहीं पा रहे थे कि क्या उपचार किया जाए? कोई बोला- दिल्ली ले जाओ तो किसी ने भोपाल भेजने की सलाह दी। इसके बाद बीएमसी के डॉ. मनीष जैन और डॉ. उमेश पटेल से मेरी बात हुई। उन्होंने बताया डॉ. शुभम उपाध्याय के इलाज के लिए हैदराबाद में डॉ. अपार जिंदल से बात हुई थी लेकिन शुभम को उनके अस्पताल तक ही नहीं पहुंच सके। इसके बाद डॉक्टरों ने एक बार फिर डॉ. जिंदल से संपर्क किया और इस बार बगैर देरी किए डॉ. मिश्रा को हैदराबाद पहुंचाने का फैसला ले लिया।