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मुरैनाएक घंटा पहले
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शहर का प्रवेश द्वार कहा जाने व�
- पुलिस का मानना जिला प्रशासन ने हर काम के लिए लोगों को दे रखी है छूट
- जिला प्रशासन के अधिकारयों द्वारा सहयोग न किए जाने की बात भी कह रहे पुलिस अधिकारी
मुरैना। शहर में कोरोना संंक्रमण पूरी तरह पैर पसार चुका है। मजबूरन केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिह तोमर के हस्तक्षेप के बााद जिला प्रशासन को पूरे जिले में जनता कर्फ्यू लगाना पड़ा है, वह भी पूरे 30 अप्रेल तक के लिए। लेकिन पुलिस प्रशासन लापरवाही पर लापरवाही बरते जा रहा है। हालत यह है कि मंगलवार को शहर का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले बैरियर चौराहे पर बेरीकेट्स तो लगे थे,लेकिन पुलिस पूरी तरह से गायब थी। इतना ही नहीं बेरीकेट्स के बगल से रास्ता खुला छोड़ा गया है,जिसमें से धड़ल्ले से वाहन आ जा रहे हैं।

बैरियर चौराहे पर लगे बेरीकेट्स व पुलिस गायब
जिला प्रशासन लाख लॉकडाउन या जनता कर्फ्यू लगा दे लेकिन जब तक लोंगो का आवागमन बंद नहीं होगा कोरोना संक्रमण की चेन नहीं टूटेगी। इस बात को स्वयं जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारी स्वीकार रहे हैं। स्वयं केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सोमवार को आपदा प्रबंधन की बैठक में इस बात का जिक्र करते हुए कहा था कि, हमें हर हालत में कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ना हैै, इसके लिए ही जनता कर्फ्यू को बढ़ाकर 30 अप्रेल तक कर दिया गया है।

बैरियर चौराहे के बगल में खोला गया रास्ता
खुलेआम घूम रहे लोग, पुलिसनहीं दिखा रही सख्ती
शहर में जनता कर्फ्यू लगा है, जरूरत के सामान दूध, सब्जी तथा किराने तक को पूरी तरह से बंद किया हुआ है तथा होम डिलीवरी के लिए नगर निगम ने वेंडरों के नंबर जारी कर दिए हैं जिससे कि लोगों को घर बैठे जरूरत का सामान मिल सके। इसके बावजूद लोग सड़कों पर घूमते आसानी से देेखे जा सकते हैं। यह सब पुलिस के सामने हो रहा है। बीच-बीच में जहां बेरीकेट्स लगे हैं वहां पुलिस रोकती भी है लेकिन तुरंत जाने देती है। इसका परिणाम यह है कि लोग पुलिस की सख्ती को नजरअंदाज कर रहे हैं और सरेआम आ-जा रहे हैं।
पुलिस का तर्क
इस मामले में कुछ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जिला प्रशासन ने हर काम के लिए लोगों को आने-जाने के लिए छूट दे रखी है। उदाहरण के लिए अस्पताल, गल्ला मंडी, बस या रेलवे स्टेशन, शादी के लिए मैरिज गार्डन वाले के पास, शादी के आमंत्रण पत्र बांटने आदि। ऐसे में हम किसी को कैसे रोक सकते हैं। अगर रोकते हैं तो जिला प्रशासन की गाइडलाइन सामने आ जाती है।
ग्वालियर जयारोग्य में बंद ओपीडी
जिले में जब कोरोना बिस्फोट हो गया तो ग्वालियर जिला प्रशासन ने सभी शासकीय अस्पतालों की जनरल ओपीडी बंद कर दी। इसके पीछे मुख्य कारण सड़कों पर लोगों के आवागमन को पूरी तरह से रोकना था। कुछ लोगों का मानना हैै कि अगर मुरैना जिले में भी लोगों का आवागमन बंद करना है तो अस्पताल की जनरल ओपीडी को बंद करना होगा वहना जो अस्पताल इलाज के लिए जा रहे वह तो कम जाएंगे लेकिन उनकी आढ़़ लेकर शहर में लोग घूमेंगे।
कहीं महंगी न पड़ जाए पुलिस की लारवाही
शहर में कोरोना पूरी तरह से पैर पसार चुका है तथा गांवों में टेिस्टंग के अभाव में पूरी हकीकत सामने नहीं आ पा रही है,लेकिन अगर समय रहते इसकी चेन को नहीं तोड़ा जा सका तो निश्चित रुप से जिले की ग्वालियर जैसी कहीं स्थिति न हो जाए। फिलहाल पुलिस अपनी लापरवाही को मजबूरी की आढ़ में छिपाए हुए हैं।
इस संबंध में जब जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राय सिंह नरवरिया से बात की तो उन्होंने बताया कि बेरीकेट्स पर से पुलिस का गायब होना गलत है। मैं इस मामले को दिखवाता हूं।