bhopal.कलेक्टर ने सभी एसडीएम को आदेश दिया है कि वो अभी शादी की परमिशन न दें.
Bhopal.कोरोना (Corona) की दूसरी लहर में युवाओं को सबसे ज्यादा सावधानी की जरूरत है. सबसे ज्यादा खतरा इसी वर्ग के लोगों को है. आंकड़ों के अनुसार डेढ़ महीने में कोरोना से जान गंवाने वालों में 50% कम उम्र के लोग हैं.
अब भोपाल में शादियों की अनुमति नहीं मिलेगी. 22 अप्रैल से आने वाले महीनों में शादियों के कई मुहूर्त हैं. लेकिन कोरोना संकट को देखते हुए कलेक्टर अविनाश लवानिया ने शादी पर फिलहाल रोक लगा दी है. उन्होंने जनता से अपील की है कि कोरोना संकट खत्म होने के बाद वो शादी के लिए कोई नया मुहूर्त तय करें. कलेक्टर ने सभी एसडीएम को निर्देश दिया है कि वो शादी के लिए कोई अनुमति नहीं दें.
50 लोगों की मिल रही थी अनुमति
अभी तक राजधानी भोपाल में शादी समारोह में 50 लोगों के शादी में शामिल होने की अनुमति एसडीएम कार्यालय से मिल रही थी. लेकिन अब आगे अनुमति नहीं मिलेगी. इस संबंध में जिला प्रशासन जल्दी आदेश भी जारी करेगा. सरकार ने वर- वधू पक्ष के 50 लोगों को शादी के लिए अनुमति दी थी. लेकिन अब बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण जिला प्रशासन ने शादियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. अब 50 लोगों की परमिशन भी नहीं दी जाएगी.भोपाल में 1694 पॉजिटिव
स्वास्थ विभाग के अनुसार 19 अप्रैल को आई रिपोर्ट में भोपाल में 1694 नये कोरोना पेशेंट्स मिले हैं. कल 1540 लोग ठीक होकर घर लौट गए हैं. भोपाल में 5600 सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे. इलाज के दौरान 4 मरीजों की मौत हो गई.
युवाओं पर सबसे ज्यादा खतरा
कोरोना की दूसरी लहर में युवाओं को सबसे ज्यादा सावधानी की जरूरत है. सबसे ज्यादा खतरा इसी वर्ग के लोगों को है. आंकड़ों के अनुसार डेढ़ महीने में कोरोना से जान गंवाने वालों में 50% कम उम्र के लोग हैं. प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि कोरोना का ज़रा सा भी सिम्टम होने पर तत्काल जांच कराएं और इलाज में देरी न करें.
सभी धर्म मदद के लिए आगे आएं…
संकट की इस घड़ी में भोपाल सहित प्रदेश भर लोग मदद के लिए आगे आ रहे हैं. कल आरएसएस ने भोपाल में अपनी चार संस्थाों कोविड केयर सेंटर के लिए दे दिया. अब गायत्री परिवार की संस्थाओं में भी कोविड केयर सेंटर बनाए जाएंगे. अखिल विश्व गायत्री परिवार ने शासन से अनुमति मांगी है. गायत्री परिवार रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए मुहिम शुरू करेगा. इस संबंध में संस्था के पदाधिकारियों और सदस्यों ने ऑनलाइन बैठक में फैसला लिया है. शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी की मौजूदगी में हुई बैठक में दान की रकम कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए देने का फैसला लिया गया है. मुस्लिम समुदाय में आर्थिक रूप से सक्षम व्यक्ति अनिवार्य रूप से दान देते हैं.