राहतभरी खबर: इंदौर एयरपोर्ट पर फिर से उतरेगी रेमडेसिविर की बड़ी खेप, बेंगलुरु से प्लाइट से इंदौर आ रहे इंजेक्शन, यहां से अन्य जिलों में हेलीकॉप्टर से भेजे जाएंगे

राहतभरी खबर: इंदौर एयरपोर्ट पर फिर से उतरेगी रेमडेसिविर की बड़ी खेप, बेंगलुरु से प्लाइट से इंदौर आ रहे इंजेक्शन, यहां से अन्य जिलों में हेलीकॉप्टर से भेजे जाएंगे


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इंदौर11 मिनट पहले

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इंदौर एयरपोर्ट पर इंजेक्शन पहुंचने के बाद इन्हें अन्य जिलों में भेजा जाएगा।

रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत से जूझ रहे इंदौर सहित मप्र के लिए एक राहतभरी खबर है। मंगलवार को रेमडेसिविर इंजेक्शन की एक बड़ी खेप इंदौर एयरपोर्ट पर उतरने वाली है। ये इंजेक्शन बेंगलुरु से प्लेन के जरिए इंदौर पहुंच रहे हैं। एयरपोर्ट से ये इंजेक्शन प्रदेश के अलग-अलग जरूरत के हिसाब से जिलों में भेजे जाएंगे। संभागायुक्त डॉक्टर पवन शर्मा ने बताया कि पहले की तरह ही राज्य शासन के हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर से ही रेमडीशिविर को इंदौर से अन्यत्र पहुंचाया जाएगा। ADM अजय देव शर्मा एयरपोर्ट पर व्यवस्था के लिए मौजूद रहेंगे।

दो दिन पहले रविवार को रेमडेसिविर इंजेक्शन के 125 बॉक्स इंदौर पहुंचे थे। इसमें लगभग 12 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन मौजूद थे। इसके पहले गुरुवार को भी 200 बॉक्स इंजेक्शन लेकर नागपुर से ट्रक इंदौर एयरपोर्ट पहुंचा था। रेमडेसिविर इंजेक्शन के 125 बॉक्स लेकर नागपुर से ट्रक इंदौर एयरपोर्ट पहुंचा। इस प्रकार 12 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन की खेप पहुंची थी। इंदौर के लिए 38 बॉक्स छोड़कर यहां से इन्हें स्टेट प्लेन और हेलिकॉप्टर से प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में भेजा गया।

रविवार को भेजे गए रेमडेसिविर इंजेक्शन

शहर बॉक्स
भोपाल 25
जबलपुर 21
ग्वालियर 10
रीवा 4
शहडोल 3
रतलाम 7
उज्जैन 14
चंबल 1
खंडवा 4

क्या फायदा है रेमडेसिविर इंजेक्शन का

एक मरीज काे 4 से 10 इंजेक्शन लग सकते हैं : कोरोना संक्रमित को केवल रेमडेसिविर इंजेक्शन देने से उसकी सेहत में कोई बदलाव नहीं होता, लेकिन संक्रमण की शुरुआत में लक्षण सामने आना की स्टेज में स्टेरॉयड दवा के साथ रेमडेसिविर इंजेक्शन देने पर मरीज को आराम मिलता है। लेकिन गंभीर और अति गंभीर श्रेणी के संक्रमित मरीज को स्टेरॉयड के साथ रेमडेसिविर देने से उसकी सेहत में कोई सुधार नहीं होता।

वजह: इस श्रेणी के मरीजों में स्टेरॉयड दवा भी बेअसर होती है। कोविड संक्रमित एक मरीज को 4 से 10 इंजेक्शन तक लगाए जाते हैं।

यह मॉडरेट पेशेंट के हॉस्पिटल स्टे को कम करता है : कोविड संक्रमित मरीज को शुरुआत में गले और फेफड़ों में सूजन आती है। फिर बुखार के साथ कोरोना के लक्षण उभरने लगते हैं। यह कोविड की मॉडरेट स्टेज है। इस स्टेज में मरीज को डॉक्टर्स स्टेरॉयड दवा देते हैं। यदि स्टेरॉयड के साथ रेमडेसिविर इंजेक्शन दिया जाता है तो मरीज की सेहत में तेजी से सुधार होता है। नतीजतन, सिर्फ स्टेरॉयड दवा लेने वाले मरीज की तुलना में ज्वाइंट डोज लेने वाला मरीज 2 से 4 दिन पहले स्वस्थ हो जाते हैं।

किसे जरूरत है इस इंजेक्शन: कुछ दिन पहले इंदौर के डॉक्टरों की बैठक हुई थी इसमें अधिकतर डॉक्टरों का कहना था, यह इंजेक्शन केवल उन्हीं मरीजों के लिए है, जिनके फेफड़ों में 30 से 40% से अधिक संक्रमण है। आम जनता में यह भ्रम फैल चुका है कि यह इंजेक्शन सभी कोरोना पेशेंट को लगाना अनिवार्य है।

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