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- In Bhind, Oxygen Given To A Corona positive Negative Patient From A Torn Mask And Pipe, After The Death, Family Members Created A Ruckus
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भिंड2 मिनट पहले
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मरीज की मौत के बाद स्ट्रेचर पर ले जाता स्टाफ।
- कोविड पॉजिटिव होने के बाद 6 अप्रैल को मरीज इंदौर में हुआ था भर्ती
- इंदौर से परिजन मरीज को लेकर भिंड आए, 17 अप्रैल को जिला अस्पताल में कराया भर्ती
भिंड के जिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से एक मरीज को जान से हाथ धोना पड़ा। यह मरीज कोविड पॉजिटिव से नेगेटिव हो चुके था। मरीज के उपचार में अस्पताल प्रबंधन की गलती यह है कि ऑक्सीजन देने के लिए चेहरे पर मास्क लगाया गया था वो डैमेज था। वहीं, ऑक्सीजन की पाइप लाइन जगह-जगह फटी हुई थी। मरीज को ऑक्सीजन देने के दौरान लीकेज हो गई, जिससे उसकी मौत हो गई। जब परिजनों को यह जानकारी लगी तो उन्होंने हंगामा खड़ा किया तो पुलिस मौके पर पहुंच गई। इसके बाद मृतक का अंतिम संस्कार कराया गया।
उत्तर प्रदेश के जालौन जिला बंगरा निवासी आनंद तिवारी (43) उज्जैन के पास निजी स्कूल संचालित करते थे। वे बीते 6 अप्रैल को इंदौर में कोविड पॉजिटिव होने के कारण भर्ती हुए। इंदौर ने लगातार मरीजों की बढ़ती संख्या और उपचार के दौरान होने वाली असुविधा को देखते हुए परिजनों ने भिंड जिला चिकित्सालय में 17 अप्रैल को भर्ती कराया। यहां मरीज, उपचार के दौरान स्वास्थ्य होने लगा। मंगलवार की कोविड जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई। हालांकि मरीज के लंस ठीक से काम नहीं कर पा रहे थे। इस वजह से मरीज लगातार वेंटिलेटर पर था।
परिजनों का कहना कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से गई जान
मृतक के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से आनंद की जान गई। आनंद को ऑक्सीजन देने के लिए मास्क लगाया गया था वह डैमेज था। वहीं, ऑक्सीजन की पाइप जगह-जगह कटी फटी थी जिसे पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच रही थी। परिजनों का कहना था कि कई बार मास्क व पाइप लाइन बदले जाने की बात स्टाफ से कही थी। मृतक के साले गौरव पचौरी का कहना है कि सुबह के समय ऑक्सीजन लेवल 95 से अधिक था। इस समय मरीज से दूर होकर फ्रेश होने के लिए गए तब तक ऑक्सीजन लेवल गिर गया। ऑक्सीजन लेवल कम होने पर मरीज छठ पटाया तो बगल के कमरे का अटेंडर, नर्सिंग स्टाफ को बुलाने गया।

एम्बुलेंस के सामने बैठे परिजन।
रातभर में मरीज की नहीं होती उचित देखभाल
बगल के कमरे की महिला अटेंडर ने मरीज आनंद को छटपटाता हुआ देखकर स्टाफ रूम में गई। यहां ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ सो रहा था। इसके बाद स्टाफ को जगाया और मरीज की हालत खराब होने के बारे में बताया। इसके बाद नर्सिंग स्टाफ के सदस्यों ने पीपीई किट पहनी, फिर आकर मरीज की जांच की। इसके कुछ देर बाद लगातार ऑक्सीजन लेवल घटता गया और मरीज ने दम तोड़ दिया। यह जानकारी मरीज के परिजनों को करीब दस बजे लगी तो वे अस्पताल पहुंच गए।
पुलिस की समझाइश के बाद कोविड गाइडलाइन के अनुसार हुआ अंतिम संस्कार
इसके बाद मरीज के परिजनों ने स्टाफ पर सीधे तौर पर लापरवाही का आरोप लगा दिया। परिजनों का हंगामा देख अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। अस्पताल प्रबंधन को सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल बुलाना पड़ा। परिजन, स्टाफ पर कार्रवाई पर अड़ग गए। इसके साथ ही मरीज को नेगेटिव बताते हुए बॉडी घर ले जाने की बात कहने लगे। पुलिस की समझाइश के बाद कोविड गाइडलाइन का पालन कराते हुए पीपीई किट में मरीज का अंतिम संस्कार किया गया।

पुलिस के समक्ष अपनी पीड़ा रखता हुआ मृतक का परिजन।
मरीज की हालत थी नाजुक इसलिए हुई मौत
जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ अनिल गोयल का कहना है कि मरीज की हालत बहुत नाजुक थी। कई बार उचित उपचार के लिए दूसरे शहर में ले जाने की सलाह दी गई थी। फेंफड़े खराब हो चुके थे। सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। ऑक्सीजन का पाइप व मास्क बिलकुल ठीक था। अस्पताल प्रबंधन के पास यह बहुत संख्या में है। यह मरीज के परिजन गलत आरोप लगा रहे हैं। मृतक के परिजनों द्वारा धमकी दिए जाने से नर्सिंग स्टाफ डरा है और कोविड वार्ड की ड्यूटी करने से हाथ खड़े कर रहा है।