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जबलपुर3 घंटे पहले
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- आज होगा माँ सिद्धिदात्री का पूजन और पूर्णाहुति हवन
महाअष्टमी पर्व पर मंगलवार को मंदिरों एवं घरों में हवन-पूजन कर माता से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद माँगा गया। घरों में लोगों द्वारा इष्ट देवी की आराधना की गई। माता को खीर, हलवा, पूड़ी का भोग लगाया गया। कोरोना महामारी के चलते इस वर्ष सार्वजनिक कन्या पूजन और भोज नहीं हो पाए। घरों में प्रतीकात्मक रूप से कन्या पूजन कर आशीर्वाद लिया गया। नवरात्रि के नौवें दिन बुधवार को माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी।
इस दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। शास्त्रों के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व आठ सिद्धियाँ होती हैं। सिद्धिदात्री माँ की उपासना से भक्तों की सभी प्रकार की कामनाओं की पूर्ति हो जाती है। बाबाटोला फकीरचंद अखाड़े के सामने प्राचीन ॐ श्री लोधेश्वर महादेव माँ खेरमाई शक्ति मठ में आठवें दिन साधकों एवं भक्तों ने माँ महागौरी की आराधना की। हवन-भंडारा -सिद्धघाट स्थित कालीपुत्र आश्रम में महाअष्टमी पर हवन-पूजन साधना कर रहे कालीपुत्र महाराज के सान्निध्य में पूजन किया गया। आश्रम में कोरोना समाप्ति के लिए प्रार्थना की गई। अंत में भंडारे का आयोजन किया गया।
अखण्ड ज्योति के बीच गायत्री साधना – गायत्री शक्ति पीठ मनमोहन नगर में वर्ष 1982 में अखण्ड दीप के साथ माँ गायत्री, माता सरस्वती, भगवती दुर्गा के स्वरूप विराजित किए गए थे। शक्ति पीठ के व्यवस्थापक प्रमोद राय, प्रकाश सेन ने बताया कि अखिल विश्व गायत्री परिवार के श्री राम शर्मा आचार्य, भागवती देवी शर्मा ने स्वंय आकर शक्ति पीठ की स्थापना की थी। यहाँ 24 घंटे वर्ष भर साधकों द्वारा माँ गायत्री की आराधना और लाखों गायत्री मंत्र का जाप नियमित रूप से किया जा रहा है।
कालीधाम में गौभोज एवं कन्या पूजन आज
श्री सिद्ध शक्ति पीठ कालीधाम ग्वारीघाट के संस्थापक एवं संचालक दंडी स्वामी कालिकानंद सरस्वती महाराज द्वारा नवमी तिथि पर आज गौभोज तथा कन्या पूजन किया जाएगा। इस वर्ष भंडारा नहीं होगा। शिष्य परिवार व श्रद्धालुओं से अपने घरों में माँ भगवती का पूजन करने की अपील की गई है।