इंदौर में राधास्वामी सत्संग कोविड केयर शुरू: पहले दिन 15 मरीज लाए गए, आरआरटी टीम एक्टिव, कम संक्रमण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन की व्यवस्था

इंदौर में राधास्वामी सत्संग कोविड केयर शुरू: पहले दिन 15 मरीज लाए गए, आरआरटी टीम एक्टिव, कम संक्रमण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन की व्यवस्था


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इंदौर11 मिनट पहले

मां अहिल्या कोविड केयर सेंटर प

कोरोना संक्रमण के चलते मरीजों के लिए खंडवा रोड स्थित राधास्वामी सत्संग व्यास में प्रदेश का सबसे बड़ा कोविड केयर सेंटर बनकर तैयार है। परिसर में मां अहिल्या कोविड केयर सेंटर तैयार हो गया है। गुरुवार सुबह ट्रायल रन के बाद से ही मरीज पहुंचना शुरू हो गए। यहां मरीजों को पहुंचाने के लिए हर थाना क्षेत्र में बनाई गई आरआरटी टीम सुबह से सक्रिय हो गई थी। सेंटर पर पहुंचने वाले मरीजों को प्रवेश नहीं मिल सकेगा।

शुरुआती समय से 20 से अधिक मरीज केयर सेंटर में पहुंचे थे। कोविड की गाइडलाइन को देखते हुए मीडिया व अन्य किसी भी प्रकार से बिना पीपीइटी के बगेर अंदर जाना प्रतिबंधित कर दिया गया है।

बुधवार रात स्वास्थ्य विभाग द्वारा शहर के सभी थाना क्षेत्रों में अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है। इनके माध्यम से ही कम संक्रमण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन की जगह इस सेंटर में लाकर रखा जाएगा। गुरुवार सुबह से टीम अपने-अपने क्षेत्र में ऐसे मरीजों को खोजने में लग गई है, जिन्हें कि इस सेंटर पर इलाज के लिए पहुंचाना है। माना जा रहा है कि दोपहर से सेंटर पर मरीज आना शुरू हो जाएंगे। शाम तक प्रथम चरण में सेंटर में निर्मित बिस्तर भर जाएंगे।

कोविड केयर सेंटर पर मरीजों को भर्ती करना शुरू हो गया है।

कलेक्टर ने एसडीएम रविकुमार सिंह को कोविड केयर सेंटर का प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त कर दिया है। सेंटर की स्वास्थ्य सुविधाओं और प्रबंधन के लिए डाॅ. संतोषसिंह सिसोदिया को प्रभारी बनाया है। इनके सहयोगी के रूप में डाॅ. अमित मालाकार और डाॅ. अनिल डोंगरे रहेंगे। कोविड केयर सेंटर में वैसे तो दो हजार बेड लगाने का लक्ष्य है, लेकिन पहले चरण में 600 बेड शुरू किए जा रहे हैं। इन्हें चार ब्लॉक में बांटा गया है, जिनका तकनीकी मार्गदर्शन अपोलो, बॉम्बे, चोइथराम और मेदांता अस्पताल का रहेगा।

ऑक्सीजन वाले भी 50 बेड

इस सेंटर पर ऑक्सीजन वाले भी 50 बेड बनाए गए हैं, ताकि सामान्य संक्रमित मरीज भी जब सेंटर पर उपचार प्राप्त करने लगे। उस दौरान तबीयत बिगड़ जाए और उसे ऑक्सीजन की जरूरत पड़े, तो दूसरे अस्पताल की तरफ नहीं देखना पड़े। मरीज को वहीं ऑक्सीजन की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा सके।

सेंटर में मरीजों की जांच के लिए अलग से प्रयोगशाला भी निर्मित कर दी गई है। इसमें तुरंत जांच की जाएगी। कुछ देर में वहीं पर मरीज को रिपोर्ट भी मिल जाएगी।

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