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- No Entry In Gajas Village Of Satna District Without Corona Investigation, Because A Man Stays In The Block 24 Hours
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सतना13 मिनट पहले
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गजास मुख्य मार्ग
- रामनगर क्षेत्र का सबसे जागरूक गांव बना गजास, जिलेभर के लोग कर रहे सराहना
- बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए गांव के नागरिकों के सहयोग से सरपंच ने शुरू की अनोखी पहल
- आज बैतूल जिले के ऐसे ही गांव की सीएम शिवराज ने की थी तारीफ
मध्य प्रदेश के सतना जिले का गजास गांव कोरोना संक्रमण को देखते हुए जागरुकता की मिसाल बन गया है। जिसकी सराहना सोशल मीडिया में जमकर हो रही है। हालांकि इसके पहले प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने बैतूल जिले के बाचा गांव के ग्रामीणों की प्रशंसा कर सोशल मीडिया में तारीफों के पुल बांध चुके है। बता दें कि रामनगर ब्लॉक के ग्राम पंचायत गजास के ग्रामीणों ने जागरूकता दिखाते हुए गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली सड़क की शुरुआत में नाका (बेरिकेटस) लगाकर बंद कर दिया है।

गजास गांव को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग पर खड़े जागरूक लोग
यहां नाके में प्रवेश करने वाले लोगों के लिए कोरोना जांच अनिवार्य की गई है। जांच रिपोर्ट देखने के बाद तैनात आदमी गेट पास बनाएगा। तब उनको प्रवेश दिया जाएगा। वहीं पूरे दिनभर के क्रियाकलापों के लिए एक रजिस्टर तैयार किया गया है। जिसमे हर एक गतिविधियों को लिखना अनिवार्य है। साथ ही नाके में लोगों को जागरूक करने के लिए तख्तियों में कोरोना के स्लोगन लिखे गए है।
गजास के सरपंच शिवशंकर पटेल ने बताया कि दिन प्रतिदिन बढ़ रहे कोरोना के संक्रमण को देखते हुए पंचायत में यह निर्णय लिया गया है। जहां पंच गणों की सहमति से गांव के मुख्य द्वार पर बांस से बना नाका लगाया गया है। गांव में प्रवेश करने के लिए कोरोना की आरटीपीसीआर की जांच अनिवार्य की गई है।
क्योंकि नाके में 24 घंटे के लिए एक आदमी तैनात किया गया है। वहीं यहां से गुजरने वाले अन्य आदमियों के लिए भी ये फार्मूला लागू होगा। वे भी बिना जांच के यहां से प्रवेश नहीं पाएंगे। आसपास को जोड़ने वाली अन्य सीमाओं और मुख्य मार्गों को सील कर दिया गया है। जिससे गांव में बाहरी बिल्कुल प्रवेश न पाए।