लाशों का अंबार, लकड़ी का संकट: रोजाना 10-15 शवों का अंतिम संस्कार, आ सकती है जलाऊ लकड़ी की कमी, तीन-चार दिन का स्टाॅक

लाशों का अंबार, लकड़ी का संकट: रोजाना 10-15 शवों का अंतिम संस्कार, आ सकती है जलाऊ लकड़ी की कमी, तीन-चार दिन का स्टाॅक


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होशंगाबाद5 मिनट पहले

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होशंगाबाद के श्मशानों में दो दिन बाद गहरा सकता है लकड़ी का संकट।

होशंगाबाद में इन दिनों मरने वालों का आंकड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा। पिछले पांच दिनों से रोजाना 10-15 लोगों की मौत हो रही है। इनका अंतिम संस्कार नर्मदा किनारे खर्राघाट और राजघाट मुक्तिधाम पर किया जा रहा है। मौतों की संख्या में अचानक वृद्धि होने से जलाऊ लकड़ी की खपत में 4-5 गुना की बढ़ोतरी हो गई है। 80-90 क्विंटल जलाऊ लकड़ी रोजाना अंतिम संस्कार में उपयोग हो रही है। इस कारण लकड़ी की पूर्ति करने की चिंता सता रही है। सभी जगह 2-3 दिन का स्टॉक बचा है। लड़की की व्यवस्था नहीं होती है, तो शवों को जलाने के लिए लकड़ी का संकट गहराएगा।

शहर में पांच जगह मिलती है जलाऊ लकड़ी
शहर में शवों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी के पांच टाल हैं। राजघाट मुक्तिधाम के पास, सहकारी बैंक के पीछे पार्क के सामने, ग्वालटोली आदमगढ़ पुलिया रोड और खर्राघाट पर लकड़ी की टाल है। जहां जलाऊ लकड़ी व्यापारी बेचते हैं। यह लकड़ी 800 रुपए क्विंटल अंतिम संस्कार के लिए दी जाती है।

एक शव जलाने के लिए 3 से4 क्विंटल खपत
जानकारों के मुताबिक एक शव जलाने के लिए 3 से 4 क्विंटल लकड़ी की खपत होती है। 800 रुपए क्विंटल के हिसाब से परिजन को लकड़ी के रुपए देना होता है।

हर टाल पर रोजाना 15-20 क्विंटल लकड़ी की खपत
शहर के सभी पांच जगह वर्तमान में 15-20 क्विंटल लकड़ी की खपत हो रही है। व्यापारी हरिशंकर वर्मा ने बताया, सामान्य दिनों में 5,6 क्विंटल लकड़ी दाह संस्कार के लिए बेचते थे। पिछले 15 दिनों से 4,5 शवों के लिए 12,15 क्विंटल लकड़ी बिक रही थी। अब पांच दिनों से लकड़ी की खपत अचानक बढ़ी है।

भौंरा, केसला और ताकू क्षेत्र से आती है जलाऊ लकड़ी
लकड़ी के व्यापारी शाहरुख अली, हिरेंद्र सिरोलिया, हरिशंकर शर्मा ने बताया, शवों के अंतिम संस्कार के लिए अधिकांश लकड़ियां भौंरा, केसला और ताकू क्षेत्र से आती हैं। खपत बढ़ने से वहां से भी लड़की आने में दिक्कत हो रही। ऐसे में स्टॉक कम है। स्टॉक खत्म होने के बाद हम भी लकड़ी नहीं दे पाएंगे।

डीएफओ और एसडीएम से व्यवस्था कराने की मांग
राजघाट मुक्तिधाम स्थित जनभागीदारी समिति के आर्मी से रिटायर्ड कैप्टन एचएस शर्मा ने बताया जलाऊ लकड़ी का स्टॉक 3 दिन का बचा है। लकड़ी की व्यवस्था कराने के लिए गुरुवार को एसडीएम ऑफिस भी गया, लेकिन वे नहीं मिले। डीएफओ को पत्र दिया है। लकड़ी की व्यवस्था नहीं होती है, तो शवों के अंतिम संस्कार के लिए लड़की का संकट गहरा जाएगा।

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