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मध्यप्रदेश22 मिनट पहले
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मध्यप्रदेश में कोरोना की रफ्तार रोकने के सभी प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। एक्टिव केस बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में संसाधनों की कमी हो गई है। इसकी वजह से नए संक्रमितों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। इंदौर की प्राइम सिटी कॉलोनी में रहने वाले 85 वर्षीय व्यक्ति की घर पर ही मौत हो गई। यहां के अरबिंदो अस्पताल के बाहर बोर्ड लगाकर मरीजों को भर्ती करने से मना कर दिया गया। यही हाल भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में भी है।
24 घंटे में प्रदेश के 4 बड़े शहरों में 55 सौ से ज्यादा नए केस मिले हैं, वहीं सरकारी आंकड़ों में यहां 29 मौतें हुई हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर है। यहां पर 1781 नए केस आए हैं, 10 ने दम तोड़ दिया। भोपाल में 1729 नए संक्रमित मिले और 5 की मौत हो गई। वहीं, ग्वालियर में 1190 संक्रमित, 7 मौतें और जबलपुर 803 केस आए, 7 की मौत हुई है।
प्रदेश में कोरोना के एक्टिव मरीजों का आंकड़ा 85 हजार से ज्यादा हो गया है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार अस्पतालों व कोविड सेंटरों के सामान्य बेड पर महज 4,030 मरीज हैं। इससे 4 गुना से ज्यादा 19,172 मरीज ऑक्सीजन बेड पर हैं। इनमें से 6,639 मरीज गंभीर हालत में हैं, जिन्हें ICU में रखा गया है। इसलिए ऑक्सीजन की ज्यादा जरूरत पड़ रही है। उज्जैन के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को लेकर कांग्रेस विधायक महेश परमार गुरुवार को धरने पर बैठ गए।

इंदौर के सबसे बड़े अस्पताल अरबिंदो में लगा मजबूरी का बोर्ड।
इंदौर: अस्पतालों ने हाथ खड़े किए, ऑक्सीजन लाओ, भर्ती कर लेंगे
शहर के सबसे बड़े कोविड अस्पताल अरबिंदो ने बाहर बोर्ड लगा दिया है कि आगामी आदेश तक हम मरीज भर्ती नहीं कर पाएंगे। दिनभर लोग अपने मरीज को लेकर भटकते रहे, लेकिन कहीं बेड नहीं मिले। अरबिंदो में फिलहाल 1100 मरीज भर्ती हैं और उन्हें रोज 18 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है, लेकिन सिर्फ 12 टन ही मिल पा रही है।
ऑक्सीजन की कमी के कारण आरके अस्पताल ने परिजन को कह दिया कि या तो ऑक्सीजन लाओ या मरीज को ले जाओ। तमाम छोटे अस्पतालों में करीब एक हफ्ते से ऐसी ही स्थिति बनी हुई है।प्राइम सिटी कॉलोनी में रहने वाले 85 वर्षीय भोलानाथ शर्मा की कोरोना से मौत हो गई। बेटा और बहू सिएटल में हैं। वह पांच दिन से उन्हें भर्ती कराने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन अपने पिता को भर्ती नहीं करा पाए और बुधवार को मौत हो गई। बाद में निगम कर्मचारियों ने अंतिम संस्कार कराया।
इंदौर में 24 घंटे में प्रदेश में सबसे ज्यादा 1781 नए केस आए हैं, जबकि 10 की मौत हुई है। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन का कोविड टेस्ट निगेटिव आई है। उनका बुखार भी नियंत्रित है। उन्हें सामान्य वार्ड में भर्ती किया गया है।
भोपाल: यहां पर भी ऑक्सीजन की कमी
भोपाल में 1729 नए संक्रमित मिले और 5 की मौत हो गई। शहर के अधिकतर अस्पतालों में ऑक्सीजन की बेहद कमी है। इसकी वजह से मरीज भर्ती नहीं किए जा रहे हैं। परिजनों से ऑक्सीजन की व्यवस्था करने के लिए कहा जा रहा है। नए मरीजों को भर्ती करने की यह शर्त रखी जा रही है कि पहले ऑक्सीजन की वे व्यवस्था करें। इधर सरकार ने ऑक्सीजन की कमी पूरी करने के लिए भोपाल में एयर सेपरेशन यूनिट लगा रही है।

उज्जैन में महिला को ठेले से ऑक्सीजन सिलेंडर लगाकर अस्पताल ले जाते परिजन।
ग्वालियर: हर तीसरा व्यक्ति निकल रहा संक्रमित
ग्वालियर में सैंपल देने पहुंच रहे लोगों में हर तीसरा व्यक्ति संक्रमित निकल रहा है। यहां 24 घंटे में 1190 नए संक्रमित आए हैं। 37 सौ लोगों के सैंपल की जांच की गई थी। सरकारी बुलेटिन में मौतों की संख्या 7 बताई गई है, लेकिन श्मशान घाटों पर 31 संक्रमितों के शवों का अंतिम संस्कार किया गया है, जिसमें 23 ग्वालियर के थे। एक्टिव केस बढ़कर 8 हजार 155 हो गए हैं। कलेक्टर ग्वालियर ने कोरोना कर्फ्यू को 30 अप्रैल रात 12 बजे तक के लिए बढ़ा दिया है। प्रतिबंध में छूट वही है जो अभी मिल रही हैं। सिर्फ गली मोहल्ले की किराना दुकान जरूर सुबह 7 से दोपहर 12 बजे तक खोलने की नई छूट दी गई है। साथ ही शादियों के लिए वही 50 सदस्य और पहले SDM को सूचना देने की शर्त लागू है।
जबलपुर: संक्रमण दर 27% पर, रिकवरी रेट घटा
यहां 2959 सैंपल की जांच में 803 नए संक्रमित मिले। सरकारी आंकड़ों में 7 लोगों की मौत हुई। हालांकि मुक्तिधामों और कब्रिस्तानों में कुल 64 संक्रमित सहित 74 शवों का अंतिम संस्कार किया गया है। अब कुल एक्टिव केस 6 हजार 497 हो गया है। इसमें 3 हजार 699 लोग होम आइसोलेट हैं। वहीं 462 लोग स्वस्थ हुए। रिकवरी रेट घटकर 79.81 प्रतिशत हो गया।
मौतों के बाद अपने ही फेर ले रहे मुंह
जबलपुर के धनवंतरी नगर स्थित कुंगवा में दो दिन के अंदर तीसरी मौत से कोहराम मचा हुआ है। बुधवार को तीसरी मौत युवती की हुई ताे निकट के संबंधी और समाज के लोगों ने बंदिशें लगा दी। अंतिम संस्कार के लिए कोई नहीं आया। आखिर में परिवार के लोगों ने मोक्ष संस्था से संपर्क कर अंतिम संस्कार करने के लिए मदद मांगी।