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- Messing With The Life Of A Kovid Patient Admitted In A Private Hospital, The Agent Sold Two Fake Remadecivir Injections For 24 Thousand, Was Caught
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ग्वालियर4 घंटे पहले
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आरोपी छोटू परिहार
- तीन MR, एक निजी अस्पताल के कर्मचारी मिलकर चला रहे थे नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का खेल
ग्वालियर में पुलिस ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने वाले रैकेट का खुलासा किया है। रैकेट का सदस्य MR (मेडिकल रिप्रजेंटेटिव) निजी हॉस्पिटल में भर्ती कोविड पेशेंड के भाई को 12-12 हजार रुपए में दो इंजेक्शन बेच भी चुका था। जब इंजेक्शन डॉक्टर के पास पहुंचा तो उन्होंने उसे नकली कहकर वापस कर दिया। इसके बाद पेशेंट के भाई ने दलाल MR को कहा कि इंजेक्शन की जरूरत नहीं है वापस ले जाए। साथ ही पुलिस को सूचना दे दी।
शुक्रवार दोपहर जैसे ही एजेंट इंजेक्शन वापस लेने आया आरोपी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। घटना बहोड़ापुर चौराहा की है। जब आरोपी से पूछताछ की तो उसने अभी तक 5 इंजेक्शन बेचना कुबूल किया है। इनमें से 3 इंजेक्शन तो सागर के एक मरीज को लग भी चुके हैं। इस आपदा के दौर में भी धोखेबाज लोगों की जान से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं। आरोपी से पूछताछ की जा रही है।

अभी तक पांच रेमडेसिविर इंजेक्शन यह गिरोह बेच चुका है
बहोड़ापुर स्थित सक्सैना हॉस्पिटल को कोविड सेंटर बनाया गया है। यहां एक कोविड पेशेंट भर्ती है। कोविड पेशेंट के भाई मनीष शर्मा को डॉक्टर ने रेमडेसिविर इंजेक्शन का इंतजाम करने के लिए कहा था। पर इंजेक्शन की इतनी किल्लत है कि वह आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। इंजेक्शन के लिए पूर्व विधायक, विधायक व मंत्रियों के फोन लगवाने पड़ रहे हैं। इसी समय मनीष शर्मा के संपर्क में MR आशीष शर्मा आया उसने इंजेक्शन उपलब्ध होने की बात कही। एक इंजेक्शन 12 हजार रुपए में देना तय हुआ। मनीष ने 24 हजार रुपए देकर दो रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीद लिए। इंजेक्शन देने श्योपुर निवासी छोटू पुत्र कल्याण सिंह परिहार आया था। जब कोविड पेशेंट का भाई यह इंजेक्शन लेकर डॉक्टर के पास पहुंचा तो डॉक्टर ने इंजेक्शन को काफी देर तक देखने के बाद नकली होने की बात कही। साथ ही नकली इंजेक्शन से मरीज की जान को खतरा बताया।
वापस लेने आया इंजेक्शन, पुलिस ने पकड़ा
डॉक्टर से इंजेक्शन नकली होने का पता लगा तो पेशेंट के भाई ने दलाल को कॉल कर कहा कि उनको इंजेक्शन की अभी जरूरत नहीं है। वह इंजेक्शन वापस कर लें। इस पर छोटू परिहार शुक्रवार दोपहर इंजेक्शन वापस लेने आया था। इधर कोविड पेशेंट के भाई ने पुलिस को पहले ही पूरे मामले की सूचना दे दी थी। जैसे ही छोटू इंजेक्शन लेने पहुंचा बहोड़ापुर थाना पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
मौके को भुनाने मार्केट में चला रहे नकली रेमडेसिविर
नकली इंजेक्शन के साथ पकड़ा गया युवक छोटू पुत्र कल्याण परिहार निवासी साहसपुरा विजयपुर श्योपुर है। यह इंदौर की एक मेडिसिन कंपनी में बतौर MR पदस्थ है। मेडिसिन कंपनी की एजेंसी ग्वालियर में है। पुलिस पूछताछ में छोटू ने यह कुबूल किया है कि यह इंजेक्शन उसने वीरेन्द्र धाकड़ से 5 हजार रुपए में खरीदा था। वीरेन्द्र भी MR है। उसने यह एक निजी अस्पताल के कर्मचारी दिलीप धाकड़ से 4000 हजार रुपए में लिया था। इंजेक्शन किसे देना है और कहां देना है यह पूरी डील इस गिरोह का मास्टर माइंड आशीष शर्मा करता था। इंजेक्शन के लिए कस्टमर तलाशने का काम भी उसी का था। यह सभी मौके को भुनाने का काम कर रहे हैं।
3 इंजेक्शन लग चुके हैं उस मरीज का क्या
इस गिरोह ने अभी तक 5 इंजेक्शन बेचे थे। इनमें से 2 वापस आ गए, लेकिन 3 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन सागर के एक मरीज को लग चुके हैं। अभी वो जिंदा है या नहीं। क्या स्थिति है यह पता नहीं चल सका है। सीधे शब्दों में कहें तो यह लोगों की जान से खिलवाड़ है।
नकली प्लाज्मा के बाद नकली रेमडेसिविर
कोरोना जैसी आपदा में भी मौकापरस्त धोखेबाजी से बाज नहीं आ रहे हैं। बीते साल नकली प्लाज्मा कांड हुआ था। जिसमें ग्वालियर में बहुत बड़े स्तर पर नकली प्लाज्मा बनाकर महंगे दामों में बेच कर मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाला गिरोह पकड़ा था। यह पूरा मामला दतिया के एक व्यापारी की मौत के बाद खुला था। अब नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन सामने आया है। इस मामले में SP ग्वालियर का कहना है कि इंजेक्शन की जांच के लिए ड्रग डिपार्टमेंट की टीम को बोल दिया है। वह सैंपल लेकर जांच रहे हैं कि इंजेक्शन नकली है भी या नहीं।