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- The Line Of The Queue Is Not Ending Even After The Death … Private Vehicles Have To Be Resorted For Final Farewell
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भोपाल33 मिनट पहले
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अस्पताल में दाखिल होने के लिए कतार… इलाज के लिए कतार… मौत के बाद परिजनों के हाथों पहुंचने के लिए भी कतार और मोक्ष पाने श्मशान या कब्रिस्तान में जगह मिलने के लिए कतार का सामना करने की मजबूरी भोपाल शहर के सामने बनी हुई है। इससे पहले श्मशान घाट या कब्रिस्तान तक जाने की प्रक्रिया बिना कतार पूरी नहीं हो पा रही है। शहर में बढ़ रहे मौत के आंकड़े के बीच नगर निगम के पास मौजूद शव वाहनों की संख्या कम पड़ती नजर आ रही है। ऐसे में लोगों को अपनों की अंतिम विदाई के लिए निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है। राजधानी नगर निगम की शव वाहन व्यवस्था बुरी तरह विफल हो चुकी है। इसके पास मौजूद वाहनों के बेड़े में आसपास के शहरों से बुलाई गए 15 अतिरिक्त शव वाहन भी जरूरत के लिहाज से कम पड़ते नजर आ रहे हैं। नतीजा यह है कि लोगों को घंटों इंतजार के बाद भी शव वाहन नहीं मिल पा रहे हैं। बिगड़े हालात में नगर निगम जिम्मेदारों का लापरवाही भरा जवाब, किस किस के कॉल उठाएं और कैसे वाहन उपलब्ध कराएं…! ने लोगों को और विचलित कर दिया है।
करना पड़ रहा घंटों इंतजार
शहर में मौत के आंकड़ों के मुताबिक शव वाहन की कमी के चलते लोगों को 6 से 8 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि सरकार की व्यवस्थाएं पूरी तरह विफल दिखाई दे रही हैं। जहां लोगों को इलाज नहीं मिल पाने का मलाल है, वहीं अब शव वाहन के लिए भी भटकना पड़ रहा है।
विधायक मसूद ने उपलब्ध कराए चार शव वाहन
श्मशान और कब्रिस्तान तक जाने में लोगों को आ रही शव वाहन की दिक्कत को देखते हुए मध्य विधायक आरिफ मसूद ने चार वाहन उपलब्ध कराए हैं। पूर्व पार्षद रेहान गोल्डन ने बताया कि सभी धर्मों के जरूरतमंद लोगों के लिए उपलब्ध ये वाहन निशुल्क मुहैया कराए जाएंगे। इसके लिए जिम्मेदार लोगों के मोबाइल नंबर जारी किए गए हैं। जिनसे संपर्क कर अस्पताल से घर या श्मशान अथवा कब्रिस्तान तक जाने के लिए वाहन उपलब्ध करवा दिया जाएगा।
रिपोर्ट: खान आशु