ऐसे कैसे कम होगा कोरोना: जिला अस्पताल में बिना मास्क वालों पर नहीं रोक-टोक, खुले में सटकर बैठे हैं लोग

ऐसे कैसे कम होगा कोरोना: जिला अस्पताल में बिना मास्क वालों पर नहीं रोक-टोक, खुले में सटकर बैठे हैं लोग


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मुरैनाएक घंटा पहले

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वार्ड में जमीन पर लेटे अटेंडर।

  • नर्सिंग स्टाफ से लेकर डॉक्टर तक नहीं टोकते लोगों

जिले में कोरोना बेकाबू हो चला है। अस्पताल में तो रोजाना दर्जनों लोग आ रहे हैं। वहीं, शमशान घाटों पर भी कोरोना से मरने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। बावजूूद जिला अस्पताल में लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही। लोग अस्पताल परिसर में ही बिना मास्क के बैठे व घूम रहे हैं। यही नहीं, लोग सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं कर रहे।

अस्पताल में सटकर बैठे अटेंडर।

अस्पताल में सटकर बैठे अटेंडर।

शहरवासियों के लिए मास्क कोरोना से बचाव नहीं, बल्कि अब बोझ बन गया है। लिहाजा, लोग इसे पहन तो रहे हैं लेकिन, खानापूर्ति के लिए। हद तो तब हो जाती है, जब लोग जिला अस्पताल जैसी संवेदनशील जगह, जहां मरीजों के टेस्ट से लेकर आइसोलेशन तक किया जा रहा है, वहां लोग बना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के बिना बैठे रहते हैं। खास है, जहां लोग बैठे रहते हैं, वहां से डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ गुजरता है, लेकिन, वे उन्हें रोकने-टोकने की जहमत नहीं उठाते।

बिना मास्क के बैठे मरीजों के अटेंडर।

बिना मास्क के बैठे मरीजों के अटेंडर।

नहीं कोई टोकने वाला
जिला अस्पताल में आस-पास के गांवों से आने वाले मरीजों के अटेंडर कोरोना संक्रमण फैला रहे हैं। ये लोग उनके लिए बनाए गए प्रतीक्षालय में बैठे रहते हैं। उनमें से कई तो मास्क लगाने की जरूरत भी महसूस नहीं कर रहे।

जमीन पर लेटे लोग
अस्पताल का बच्चा वार्ड हो जा फिर मेल जनरल वार्ड लोग, अटेंडर पलंगों पर जमे रहते हैं। वहीं, जमीन पर भी लेटे रहते हैं। इससे उन्हें संक्रमण का खतरा बना हुआ है। मरीजों की मानें, तो यह उनकी मजबूरी है लेकिन, अस्पताल प्रशासन को उनके जीवन की परवाह होना चाहिए, परंतु ऐसा नहीं है।

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