बैतूल के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ने दी कोरोना को मात: घर में रहकर 104 वर्ष की उम्र में कोरोना को हराया, बोले- साधा खाना और खुश रहने से ये हो सका

बैतूल के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ने दी कोरोना को मात: घर में रहकर 104 वर्ष की उम्र में कोरोना को हराया, बोले- साधा खाना और खुश रहने से ये हो सका



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बैतूल14 मिनट पहले

  स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरदीचंद गोठी।

देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ने वाले 104 साल के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ने कोरोना से जंग लड़ते हुए संक्रमण को मात दी है। वह कोरोना से मुक्त होकर घर पर स्वस्थ हैं। दरअसल, बैतूल निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरदीचंद गोठी (104) पिछले दिनों कोरोना संक्रमित हुए। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर परिजन ने उनका इलाज शुरू कराया। घर पर रहकर उनका इलाज किया गया। छिदवाड़ा और बैतूल के डॉक्टर्स ने उनका इलाज कर स्वास्थ्य में सुधार लाए। इलाज और स्वंतत्रता संग्राम सेनानी गोठी की बेहतर इच्छा शक्ति के चलते वह कोरोना संक्रमण से मुक्त हुए हैं।

शनिवार को उन्होंने घर पर मीडिया से बात करते हुए कहा कोरोना संक्रमित होने के बाद डॉक्टर्स ने मेरा इलाज किया। साथ ही घर पर काम करने वाले लोगों ने सहयोग किया। मैं खुश रहा और साधा खाना खाया। इसलिए मैं कोरोना को मात दे सका।

उन्होंने कहा ईश्वर की कृपा से मैं ठीक हूं। इलाज के दौरान सबका सहयोग मिला। मैं मानसिक रूप से ठीक रहा और खुश रहा। खान-पान ठीक रखा। इसलिए जल्द स्वस्थ हो गया। उन्होंने कहा मेरी बचपन से दिनचर्या ठीक रही है। सुबह जल्दी उठना, संतुलित व साधा आहार, नियमित वर्जिश एवं पठन-पाठन और प्रसन्नचित्त मन से अपने हर काम को करता हूं। लेकिन वर्तमान में लोग बदलते दौर में खुद को बदल रहे हैं।

आजकल का खानपान व रहन-सहन लोगों को शारीरिक रूप से कमजोर कर रहा है। इसलिए सभी को साधा जीवन और साधा व संतुलित आहार लेने की जरूरत है। दिनचर्या को बेहतर कर शारीरिक परिश्रम करें और प्रसन्न रहें। इससे हम कोरोना को हरा सकते हैं।

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