होशंगाबाद में रेमडेसिविर की कमी: होशंगाबाद में 600 रेमडेसिविर की जरूरत लेकिन 200 ही उपलब्ध , रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए परेशान परिजन

होशंगाबाद में रेमडेसिविर की कमी: होशंगाबाद में 600 रेमडेसिविर की जरूरत लेकिन 200 ही उपलब्ध , रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए परेशान परिजन


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होशंगाबाद24 मिनट पहले

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  • जिले को अब तक 2 खेप में शासन ने पहुंचाए 584 इंजेक्शन, आवश्यकता 600 की
  • बेटे के इंजेक्शन के लिए कलेक्टर ऑफिस पहुंचकर मां ने लगाई गुहार

होशंगाबाद में कोरोना से पीड़ित मरीजों के उपचार के लिए रेमडेसिविर कमी पड़ती जा रही है। हालांकि अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों को शुक्रवार रात थोड़ी राहत भरी खबर जरूर मिली थी। जहां शुक्रवार रात 200 रेमडेसिविर इंजेक्शनों की दूसरी खेप होशंगाबाद पहुंची थी। लेकिन जिले में रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग 600 से अधिक है। मांग के अनुरुप आपूर्ति नहीं होने से कोरोना संक्रमित मरीजों के परिजन इंजेक्शन के लिए भटक रहे है। होशंगाबाद कलेक्ट्रेट में एक मां अपने बेटे के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग करने पहुंची है। पिछले दो दिन से उसे खाली हाथ ही लौटना पड़ गया।

गौरतलब है कि होशंगाबाद जिले में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। गुरुवार और शुक्रवार को 388 नए पॉजिटिव केस सामने आए है। जिससे रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग अचानक से बढ़ गई। लेकिन शासन द्वारा अब तक भेजे गए 584 इंजेक्शन जिले की मांग के अनुसार नाकाफी साबित हो रहे हैं। शुक्रवार रात को आए 200 इंजेक्शन में से 135 मरीजों को दूसरे डोज के इंजेक्शन लगाए गए। 30 मरीजों को पहले डोज के इंजेक्शन लगाए है। जिसमें जिला अस्पताल में 26 मरीजों को दूसरा डोज व 5 को पहला डोज लगा। इसके अलावा नर्मदा अस्पताल, मालवीय अस्पताल, केशव अस्पताल व अन्य निजी अस्पताल को भी इंजेक्शन दिए गए है।

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी की वजह से कोरोना संक्रमित मरीज परेशान हो रहे है। शुक्रवार को होशंगाबाद के नारायण नगर निवासी तुलसी प्रसाद और उनकी पत्नी रुपन बाई अपने बेटे के लिए इंजेक्शन की मांग लेकर कलेक्टर ऑफिस पहुंचे। करीब 15 मिनट तक मां रुपन बाई बिलखते हुए इंजेक्शन दिलवाने का कहती रही। उन्होंने कहा मेरा बेटा केशव अस्पताल में भर्ती है। डॉक्टर इंजेक्शन का बोल रहे। उसके बाद उन्हें तहसीलदार ऑफिस भेज दिया। वही मरीज के भाई ने बताया कि शुक्रवार रात को इंजेक्शन आए। दो मरीजों को लगाए, लेकिन मेरे भाई को इंजेक्शन नहीं लगा।

बहरहाल आवश्यकता से कम मात्रा में रेमडेसिविर इंजेक्शन मिलने की वजह से डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग के सामने भी मरीजों के उपचार में संकट खड़ा हो गया है वही मरीज के परिजन भी इंजेक्शन के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं।

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