MP में गंभीर मरीजों पर संकट: मध्यप्रदेश में 94% आईसीयू बेड भरे; इंदौर, उज्जैन और जबलपुर में एक भी खाली नहीं, ऑक्सीजन बेड भी पड़ रहे कम

MP में गंभीर मरीजों पर संकट: मध्यप्रदेश में 94% आईसीयू बेड भरे; इंदौर, उज्जैन और जबलपुर में एक भी खाली नहीं, ऑक्सीजन बेड भी पड़ रहे कम


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मध्यप्रदेश2 मिनट पहले

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मध्यप्रदेश में कोरोना के बढ़ते मरीजों से व्यवस्थाएं छोटी पड़ने लगी हैं। अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की कमी पड़ गई है। डॉक्टर से लेकर नर्सिंग स्टाफ की भर्ती करनी पड़ रही है। इंदौर, भोपाल, जबलपुर और उज्जैन में सबसे खराब स्थिति है। यहां आईसीयू में जगह नहीं है। सागर, होशंगाबाद, गुना समेत अन्य मझोले और छोटे शहरों में भी ऐसे ही हालात हैं।

प्रदेश में कोविड के लिए सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में वर्तमान में कुल 48 हजार 624 बेड हैं। इसमें से 35 हजार 257 मरीज (73%) भर्ती हैं। इसमें से आईसीयू और एचडीयू के 9059 बेड हैं, इस पर 94% ( 8534) संक्रमित भरे हैं। राहत बस सामान्य बेड को लेकर है। कोविड केयर सेंटर खुल जाने से कुल 32 हजार 670 बेड हो गए हैं। आधे से थोड़े कम पर मरीज हैं।

इंदौर: कोविड के अलावा अन्य मरीजों के सामने भी दिक्कत

लगातार बढ़ती संख्या के कारण कोरोना मरीजों के लिए अस्पतालों में आइसीयू और आक्सीजन बिस्तर तो दूर, अब सामान्य बिस्तर भी नहीं मिल पा रहे हैं। यहां आईसीयू और एचडीयू में 2323 बेड हैं, सभी फुल हैं। यही हाल ऑक्सीजन बेड की है। 3371 ऑक्सीजन बेड हैं, जिस पर 1362 संक्रमित भर्ती हैं। यहां पर शुक्रवार की रात एक गर्भवती महिला की मौत वेंटिलेटर नहीं मिलने की वजह से हो गई।

भोपाल में सबसे ज्यादा वेंटिलेटर पर मरीज
प्रदेश में सबसे ज्यादा भोपाल में 345 पेशेंट वेंटिलेटर पर हैं। आईसीयू में निजी अस्पतालों में गिनती के ही बेड बचे हैं। सरकारी फुल हो चुके हैं। यही हालत ऑक्सीजन बेड की है। यहां सबसे ज्यादा 3687 ऑक्सीजन बेड हैं, जिस पर 3485 मरीज हैं।

जबलपुर के हालात भी काफी खराब, बेड के इंतजार में लोग

यहां सरकारी आंकड़े में सामान्य और ऑक्सीजन बेड खाली दिख रहे हैं, लेकिन हकीकत में नए मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। इसकी वजह ऑक्सीजन की कमी हे। ऑक्सीजन प्रतिदिन की जरूरत 32 टन और सप्लाई उससे कम हो रही है। पिछले 10 दिनों में चार अस्पतालों में 12 लोगाें की मौत हो चुकी है।

सागर की स्थिति भी चिंताजनक

जिला अस्पताल, बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज और 4 प्राइवेट अस्पतालों में करीब 1 हजार बेड हैं। इसमें से ऑक्सीजन और आईसीयू के सभी बेड फुल हैं। बिना ऑक्सीजन वाले बेड जरूर कुछ खाली हैं।

होशंगाबाद: ऑक्सीजन बेड और वेंटिलेटर फुल

हाेशंगाबाद में कोविड मरीजों के लिए डेढ़ सौ से ज्यादा प्राइवेट और सरकारी में ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था है। लेकिन आज की तारीख में एक भी खाली नहीं हैं। इस स्थिति में मरीजों को भोपाल जाना पड़ रहा है।

गुना: एक भी ऑक्सीजन बेड खाली नहीं
ऑक्सीजन सपोर्टेड कुल 90 बेड हैं। सभी फुल हैं। आइसोलेशन बेड 44 रिक्त हैं। प्रतिदिन 70-80 सिलेंडर ऑक्सीजन की आवश्यकता है। अभी फिलहाल आपूर्ति है। शनिवार को 16 टन लिक्विड ऑक्सीजन आई है।

प्रदेश के लिए थोड़ी राहत की 3 बातें

1-संक्रमण दर में मामूली कमी- कोरोना की पॉजिटिविटी दर कम हो रही है। गुरुवार को प्रदेश का कोरोना संक्रमण दर 24.29% थी, जो शुक्रवार को घट कर 23.76 % हो गई है। वर्तमान में प्रतिदिन 50 हजार से अधिक टेस्ट किए जा रहे हैं।

2-15 जिलों में नए केस से ज्यादा रिकवर: राहत की बात है कि पिछले 24 घंटे में 15 जिलों में जितने कोरोना के नये केस आये हैं, उससे कहीं ज्यादा मरीज इन जिलों में रिकवर भी हुए हैं। इसमें इंदौर,उज्जैन, भिंड, आगर मालवा, सागर, छतरपुर, गुना, छिंदवाड़ा,शाजापुर, रायसेन, खरगोन, कटनी, बालाघाट, पन्ना और अनूपपुर शामिल हैं।

3- 320 बेड के साथ 20 आइसोलेशन कोच तैयार: भोपाल में रेलवे ने 20 आइसोलेशन कोच तैयार किए हैं। हर ओर संक्रमण से जारी संकट के समाधान के लिए प्रयासों में लोग जुटे हैं। इसमें 320 बेड हैं। 25 अप्रैल से यह अपना काम शुरू करेगा।

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