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- Order For Immediate Reinstatement Of Suspended Nursing And Paramedical Staff, If Doctors Of Bond Posting Do Not Join Immediately, Action Will Be Taken
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भोपाल21 मिनट पहले
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कोरोना के एक्टिव केस 90 हजार पहुंचने के बाद मध्य प्रदेश में मेडिकल इमरजेंसी जैसे हालात बन गए हैं। बड़े शहर हों या छोटे शहर, अस्पतालों में स्टाफ की कमी है। इसे देखते हुए सरकार ने निलंबित नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ को बहाल करने का निर्णय लिया है। इसी तरह हाल में इंटर्नशिप पूरी कर चुके 186 डॉक्टर्स, जिन्होंने डयूटी ज्वाॅइन नहीं की है, उनके खिलाफ एक्शन लेने की तैयारी है।
मंत्रालय सूत्रों ने बताया, मई माह के पहले और दूसरे सप्ताह में कोरोना के केस देश में करीब 7 लाख प्रतिदिन होने का अनुमान केंद्र सरकार ने लगाया है। इस हिसाब से मध्य प्रदेश में अस्पतालों में स्टाफ की आपूर्ति बड़ी चुनौती है। इसे ध्यान में रखते हुए डॉक्टरों के साथ ही नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए अब स्वास्थ्य आयुक्त आकाश त्रिपाठी ने निलंबित कर्मचारियों को बहाल कर कोरोना में ड्यूटी लगाने का आदेश दिया है।
त्रिपाठी द्वारा सभी रीजनल डायरेक्टर्स को भेजे आदेश में निलंबित तृतीय श्रेणी कर्मचारियों नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ लैब टेक्नीशियन, कम्पाउंडर, फार्मासिस्ट, रेडियोग्राफर (रिश्वत लेते हुए ट्रैप हुए और व्यापमं में लंबित कर्मचारियों को छोड़कर) को तत्काल बहाल करने को कहा है। इसके साथ ही मैदानी कर्मचारियों एएनएम, एमपीडब्ल्यू, पर्यवेक्षक, बीईई को बहाल कर कोरोना मरीजों के इलाज संबंधी सेवाओं में ड्यूटी लगाने के आदेश दिए हैं।
बांड धारक 79% डॉक्टर्स ने नहीं दी ज्वाॅइनिंग
कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने के कारण अस्पतालों में बिस्तर, वेंटिलेटर और इलाज के लिए डॉक्टर्स की कमी पड़ना शुरू हो गई है। इसके चलते भोपाल, इंदौर के सरकारी कॉलेजों में इंटर्नशिप पूरी करने वाले 235 डॉक्टर्स को ज्वाइन करने के लिए आदेश जारी हुए हैं। बावजूद इसमें से 186 डॉक्टर्स (79%) कोरोना के बढते हुए संक्रमण में ड्यूटी करने से बच रहे हैं।
एस्मा लागू होने के एक दिन पहले जारी किया था आदेश
सूत्रों ने बताया कि 186 डॉक्टर्स को स्वास्थ्य सेवाओं में एस्मा लागू करने से एक दिन पहले यानी 30 मार्च को जिलों का आवंटन आदेश जारी कर 20 दिन में ज्वाॅइनिंग देने का आदेश जारी किया गया था। अब स्वास्थ्य आयुक्त आकाश त्रिपाठी ने चिकित्सा शिक्षा आयुक्त निशांत वरवडे को को पत्र लिखकर ऐसे डाॅक्टर्स के खिलाफ एक्शन लेने को कहा है।
बता दें कि इंदौर के एमवाय मेडिकल कॉलेज से पासआउट 125 और भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज से इंटर्नशिप पूरी करने वाले 110 डॉक्टर्स की बांड के माध्यम से ग्रामीण सेवा के तहत पोस्टिंग दी गई है। इन्हें 15 दिन में ज्वाॅइनिंग देनी थी। वहीं, एक साल तक ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं देने के लिए कहा गया था।
31 मार्च तक रिटायर हो चुके स्टाफ को संविदा नियुक्ति दे चुकी है सरकार
कोविड-19 के खिलाफ अभियान में शामिल डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिसकर्मी, नगरीय निकायों के कर्मचारी यदि अप्रैल-मई रिटायर हो रहा है, तो उसे सरकार संविदा में रखने का फैसला सरकार 13 अप्रैल को कर चुकी है। इसके अलावा 31 मार्च को रिटायर हो चुके कर्मचारी-अधिकारी भी संविदा नियुक्ति के लिए पात्र माना गया है। यह संविदा नियुक्ति 31 जुलाई 2021 तक के लिए दी गई है।
MP के 23 जिलों में हुई थी मेडिकल स्टाफ की पोस्टिंग
जिला शहर
भोपाल 48
इंदौर 32
सीहोर 14
उज्जैन 13
रतलाम 9
बड़वानी 8
बुरहानपुर 7
(खंडवा व देवास 6-6, राजगढ़ व बैतूल 5-5, होशंगाबाद, खरगोन, शाजापुर, विदिशा व नीमच में 4-4, धार व रायसेन में 3-3, हरदा व मंदसौर में 2-2, झाबुआ व आलीराजपुर में 1-1 डाॅक्टर ने अब तक ज्वॉइनिंग नहीं दी है।)