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दतिया18 मिनट पहले
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मुक्तिधाम में मैदान में बिखरी यहां वहां शवों की राख। एक शव के अंतिम संस्कार की चल रही तैयारी।
- कोविड वार्ड में काम करने वाले पैरामेडिकल स्टाफ के भी आंसू छलक उठे
दतिया में कोरोना वायरस का विकराल रूप रविवार को देखा। पिछले बीस घंटे शहर के कोविड वार्ड से 7 मरीजों के शव निकले। हर एक घंटे में एक मौत हुई। मौत का यह तांडव देख लोगों की सिसकियां नहीं थमीं। अपनों को खोने के गम में हर कोई चीख उठा। परिजनों की दिल दहलाने वाली वेदना को सुन कोविड वार्ड में काम करने वाले पैरामेडिकल स्टाफ के भी आंसू छलक उठे।
कोरोना महामारी की चपेट में आने से दतिया जिले के मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड से सात लोगों के शव निकले। यहां उपचार के बाद मौत से हारने वाले 7 शवाें को जिला प्रशासन ने कोविड प्रोटोकॉल से अंतिम संस्कार के लिए भेजा। इन मरीजों की मौत के बाद मुक्तिधाम ले जाया गया। जहां अंतिम वेदी सजाई गई और मुखाग्नि परिजनों ने पीपीई किट पहनकर दी।
एक चिता की अग्नि ठंडी होने से पहले जल उठी दूसरी चिता
हर रोज कोविड मरीजों की मौत के कारण दतिया का मुक्तिधाम पर भी बोझ बढ़ा हुआ है। पिछले बीस घंटे में मुक्तिधाम पर एक शव की चिता की अग्नि ठंडी होने से पहले दूसरी चिता जल उठी। यह मंजर देखकर लोगों के दिल सहम उठा। जिन लोगों के साथ एक सप्ताह पहले उठना-बैठना, हंसना-मुस्कुराना होता था आज उन्हें अंतिम विदाई देकर दुखी मन से शमशान घाट से वापस लौटे। दतिया के मुक्तिधाम में एक साथ ज्यादा शव आने की वजह से अंतिम वेदी स्थल पर जगह न मिली। परिजनों ने मुक्तिधाम के मैदान में वेदी तैयार की और अंतिम संस्कार कराया।
मरीजों के बचाव को लेकर कर रहे हर संभव प्रयास
कोविड महामारी के शिकार होने वाले मरीजों के बचाव को लेकर हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। यह कहना है दतिया मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक अरविंद सिंह का। उन्होंने कहा कि चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ पूरी तरह जुटा है। कुछ ऐसे मरीज होते है जो हॉस्पिटल आने से पहले ही मौत हो चुकी होती है। ऐसे मरीजों के पॉजिटिव होने की पड़ताल के के बाद अंतिम संस्कार प्रोटोकॉल के साथ कराए जाने के लिए भेजा जाता है।