जो पैदा ही ‘पॉजिटिव’ हुए: जब दुनिया में आए तो कोरोना पॉजिटिव थे 10 नवजात, 5 से 10 दिन में संक्रमण को हराकर 7 तो घर भी पहुंचे

जो पैदा ही ‘पॉजिटिव’ हुए: जब दुनिया में आए तो कोरोना पॉजिटिव थे 10 नवजात, 5 से 10 दिन में संक्रमण को हराकर 7 तो घर भी पहुंचे


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भोपाल2 घंटे पहलेलेखक: विवेक राजपूत

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हमीदिया के ए-ब्लॉक में डॉ. सोनाली और डॉ. अपर्णा एक-एक संक्रमित नवजात को गोद में लिए हुए। ये दोनों बच्चे जल्द निगेटिव हो जाएंगे।

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आज की सबसे खूबसूरत तस्वीर हमीदिया अस्पताल के कोविड ब्लॉक से आई है। इस ब्लॉक में बीते एक महीने में ऐसे 10 नवजात बच्चे भर्ती हो चुके हैं, जो पैदा ही कोरोना संक्रमित हुए थे, लेकिन इनमें से 7 बच्चे सिर्फ 5 से 10 दिन में ही कोरोना को हराकर घर पहुंच गए। अब सिर्फ तीन संक्रमित नवजात ही यहां हैं, उम्मीद है ये भी दो से तीन दिन में अपने घर पर होंंगे। दरअसल, इन बच्चों की माएं उस वक्त संक्रमित थीं, जब उन्हें डिलीवरी के लिए अस्पताल लाया गया था। इन्हीं पॉजिटिव प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए हमीदिया के कोविड ब्लॉक ए में अलग वार्ड और अलग सिजेरियन ऑपरेशन थिएटर तैयार किया गया है। वार्ड में अलग से स्टाफ है, जो सिर्फ गर्भवती महिलाओं, नवजातों की देखरेख करता है।

हमीदिया में प्रेग्नेंट संक्रमितों के लिए है अलग गायनिक वार्ड और सिजेरियन ओटी, इनके लिए डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ भी अलग है…

मां पॉजिटिव, बच्चा निगेटिव, तब भी कराते फीडिंग
गांधी मेडिकल कॉलेज के पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट की एचओडी डॉ. ज्योत्सना श्रीवास्तव बताती हैं कि जो भी संक्रमित महिलाओं की डिलीवरी होती है उनके नवजातों का तुरंत आरटीपीसीआर टेस्ट होता है। अगर बच्चा पॉजिटिव निकले तो उसका इलाज शुरू हो जाता है। लेकिन कई बार ऐसा होता है, जब मां संक्रमित होती हैं, लेकिन बच्चा निगेटिव रहता है। ऐसे बच्चों को मां से अलग रखते हैं, पर मां का दूध जरूर पिलाते हैं, क्योंकि दूध पिलाने से संक्रमण फैले, ऐसे केस अब तक नहीं मिले हैं। दूध पिलाने से पहले संक्रमित मां मास्क लगाती है, हाथ धोती है। फिर बच्चे को गोद में लेती है।

संक्रमित बच्चों के लिए 2 वेंटिलेटर
इस ब्लॉक में दिनभर में छह डॉक्टरों की ड्यूटी लगती है। दो डॉक्टर एक शिफ्ट में रहते हैं। गंभीर बच्चों के लिए इसी ब्लॉक में दो वेंटिलेटर भी लगाए गए हैं, ताकि बच्चों को मां के पास ही रखा जा सके। जिस घर में संक्रमित बच्चा ठीक होकर पहुंचता है वहां कुछ दिन बच्चे को आइसोलेट रखने और घर के सभी लोगों को घर पर भी मास्क पहने रहने की हिदायत दी जाती है।

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