रेमडेसिविर इंजेक्शन पर राजनीति गहराई: इंदौर को 25-30 प्रतिशत और जबलपुर को चंद हजार!, यह हमारे शहर के साथ अन्याय है, मुझे न्यायालय की शरण लेने के लिए मजबूर मत करिए

रेमडेसिविर इंजेक्शन पर राजनीति गहराई: इंदौर को 25-30 प्रतिशत और जबलपुर को चंद हजार!, यह हमारे शहर के साथ अन्याय है, मुझे न्यायालय की शरण लेने के लिए मजबूर मत करिए


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  • 25 30 Percent To Indore And A Few Thousand To Jabalpur! This Is An Injustice To Our City, Do Not Force Me To Take Shelter Of The Court.

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जबलपुर2 मिनट पहले

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राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने सरकार को घेरा।

रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन सप्लाई के मामले में जबलपुर के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार पर राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस के राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा ने सोशल मीडिया पर एक-एक कर कई पोस्ट किए। सरकार से मांग की कि रेमडेसिविर इंजेक्शन का संभागीय कोटा निर्धारित हो। ऐसा नहीं कि इंदौर को 25-30 प्रतिशत दे दिया जाए और जबलपुर को चंद हजार। यह हमारे शहर के साथ अन्याय है, मुझे न्यायालय की शरण लेने के लिए मजबूर मत करिए

राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने सोशल पोस्ट के माध्यम से कहा कि मरीज, जनसंख्या और जरूरत के अनुपात से रेमडेसिविर इंजेक्शन का संभागीय कोटा निर्धारित होना चाहिए। इंदौर को 30 प्रतिशत तो जबलपुर का अनुपात क्या? 25-30 प्रतिशत जबलपुर की भी जरूरत है आकाश त्रिपाठी जी (आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं)। एक लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन मप्र को 30 अप्रैल तक मिलेगी। लगभग 92 हजार एमपी को मिल चुकी है। जबलपुर को क्या दिया?

स्वास्थ्य सचिव के इंटरव्यू पर सरकार को घेरा
इंटरव्यू में लोक स्वास्थ्य सेवाएं आकाश त्रिपाठी ने उक्त आवंटन के बारे में बताया था। इसमें बताया गया था कि 30 अप्रैल तक एक लाख इंजेक्शन एमपी को मिलेंगे। इसमें 25 से 30 प्रतिशत डोज इंदौर को देने की बात कही थी। अब इसी इंटरव्यू के आधार पर राज्य सभा सांसद ने प्रदेश सरकार के जबलपुर को लेकर दिखाए जा रहे सौतेलेपन को उठाते हुए घेरने का प्रयास किया है।
ऑक्सीजन सप्लाई में भी जबलपुर से भेदभाव का आरोप
जबलपुर के साथ लगातार अन्याय होने की बात कहते हुए उन्होंने न्यायालय की शरण लेने के लिए मजबूर न करने की चेतावनी दी है। एयरलिफ्ट कर भोपाल ग्वालियर सहित इंदौर में आॅक्सीजन पहुंचाने को लेकर भी उन्होंने प्रदेश सरकार पर तंज कसते हुए ने पूछा था कि क्या जबलपुर मध्यप्रदेश का हिस्सा नहीं है। क्या जबलपुर मध्यप्रदेश में नहीं है कहीं और है?
पहले भी सोशल मीडिया के माध्यम से उठा चुके हैं पीड़ा
जबलपुर को लेकर राज्य सभा सांसद पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर अपना दर्द उठा चुके हैं। स्थानीय कांग्रेस विधायकों के साथ मिलकर वह अपने स्तर पर ऑक्सीजन तक मंगवा चुके हैं। यहीं नहीं प्रशासन को एक हजार बेड क्षमता का अस्थाई कोविड केयर सेंटर बनाने के लिए एक करोड़ रुपए मदद देने की घोषणा भी कर रखी है। पर प्रशासन इस तरह का अस्थाई कोविड केयर सेंटर बनाने में दिलचस्पी ही नहीं दिखा रहा है।

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