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- Shahdol Medical College, The Four day old Youth General Who Was Involved In An Affair Between ICU, Management Said Corona Negative After Death On Sunday Afternoon.
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शहडोल2 मिनट पहले
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शहडोल मेडिकल कॉलेज
शहडोल मेडिकल कॉलेज में भर्ती उमरिया जिले के पाली से आए राजेश गुप्ता चार दिन तक अस्पताल में इलाज करवाते रहे। रविवार को ICU और जनरल वार्ड के बीच चक्कर लगाते रहे और दोपहर में उनकी मौत हो गई। मौत के बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कोविड-19 जांच रिपोर्ट दी। बताया कि उन्हें कोरोना नहीं था। शहडोल मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान बेहतर प्रबंधन का अभाव भी कई बार मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। पाली निवासी राजेश गुप्ता को कोरोना संदिग्ध मानकर चार दिन तक मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के जनरल वार्ड में भर्ती रखा गया। सवाल उठता है कि कोरोना की जांच मेडिकल में होती है तो समय पर रिपोर्ट क्यों नहीं मिली। संदिग्ध वार्ड में भर्ती रहने के बाद रविवार को राजेश की तबियत बिगड़ी तो ICU में शिफ्ट किया गया। परिजन उन्हें लेकर ICU पहुंचे तो वहां जगह नहीं मिली और फिर वापस जनरल वार्ड में ले आए। इस बीच परिजन बेहतर इलाज और अव्यवस्था को लेकर परेशान रहे। दोपहर तक तबियत में सुधार नहीं हुआ तो फिर ICU ले जाने कहा गया। इस बार बेड तो मिला, लेकिन कुछ देर इलाज के बाद मौत हो गई। मौत के बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कोविड-19 जांच रिपोर्ट दी और बताया कि उन्हें कोरोना नहीं था।
कम नहीं हो रही ऑक्सीजन की किल्लत
शहडोल मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की किल्लत कम नहीं हो रही है। मेडिकल कॉलेज के 10 एमटी क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट में थोड़ा ही ऑक्सीजन का कोटा है। वहीं लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) लेकर आ रही टैंकर के सोमवार दोपहर बाद पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। इस बीच सेंट्रल ऑक्सीजन सिस्टम में सिलेंडर के भरोसे ऑक्सीजन सप्लाई की तैयारी है। सिंगरौली से सिलेंडर भरकर मंगवाए जा रहे हैं। शहडोल से दो अफसरों को सिंगरौली भेजा गया, जिससे समय पर सिलेंडर की आपूर्ति हो सके।
शहडोल मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मिलिंद शिरालकर बताते हैं कि एलएमओ जल्द भेजने के लिए संबंधितों को पहले ही पत्र लिख चुके हैं। एलएमओ टैंकर आने तक सिलेंडर की मदद से ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई जा रही है।