कोविड मरीजों की भर्ती से इनकार: जिला अस्पताल में दम तोड़ रही व्यवस्थाएं, अस्पताल के गेट पर पर्चा चस्पा कर की ऑक्सीजन न होने की सूचना

कोविड मरीजों की भर्ती से इनकार: जिला अस्पताल में दम तोड़ रही व्यवस्थाएं, अस्पताल के गेट पर पर्चा चस्पा कर की ऑक्सीजन न होने की सूचना


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मुरैैना14 मिनट पहले

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जिला अस्पताल के आपातकाली विभा

  • जिला प्रशासन के इस कदम के बाद ग्वालियर की तरफ भाग रहे मरीज को लेकर परिजन
  • जिला प्रशासन ने व्यवस्थाओं को लेकर खड़े किए अपने हाथ

मुरैना। एक तरफ जिला प्रशासन कोविड मरीजों की देखभाल करने व उनकी सतत मॉनीटरिंग का लगातार दम भरता चला आ रहा है। वहीं दूसरी तरफ सोमवार को कोविड मरीजों को लेने से साफ इंकार किया जा रहा है। कलेक्टर ने अस्पताल के गेट पर अपने आदेश के परिपालन में पर्चा चस्पा कर दिया है। पर्चे में साफ तौर पर लिखा है कि कविड-19 मरीजों के लिए पलंग खाली न होने की वजह से उन्हें भर्ती नहीं किया जा रहा है। ऑक्सीजन सिर्फ भर्ती मरीजों के लिए ही उपलब्ध हो पा रही है।

जिला अस्पताल के बाहर चस्पा पर्चा

जिला अस्पताल के बाहर चस्पा पर्चा

एक तरफ लोगों को कोविड का इलाज नहीं मिल रहा है। लोग परेशान हैं वहीं दूसरी तरफ जिला प्रशासन ने जिला अस्पताल में पर्चा चिपकाकर लोगों के लिए एक नई मुश्किल खड़ी कर दी हैं। उस पर्चे में लिखा हुआ है कि जिला अस्पताल में कोविड 19 के मरीजों को पलंग खाली नही होने से भर्ती नही किया जा सकता हैं। ऑक्सीजन सिर्फ भर्ती मरीजों के लिए ही उपलब्ध हो पा रही हैं। एक तरफ प्रशासन बड़े बड़े दावे कर रहा है कि हमने कई स्कूलों में मरीजों के रहने खाने की व्यवस्था कर दी हैं। लेकिन हकीकत में देखा जाए तो प्रशासन के सारे दावे फेल नजर आ रहे हैं। जिला अस्पताल में न ही मरीजों के लिए पलंग की व्यवस्था हैं, न ही वेंटिलेटर, पीने का पानी और ऑक्सीजन की व्यवस्था।
हर दिन 4 से 5 मरीजों की मौत
जिला अस्पताल में हर दिन लगभग चार से पांच मरीजों की मौत हो रही है, लेकिन प्रशासन मौतो के आंकड़े देने में पीछे हट रहा। सुबह से पर्चा पढ़ने के बाद कई अटेंडर अपने मरीजों को ग्वालियर के लिए रैफर करा ले गए हैं। कुछ लोग ऐसे भी थे, जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत नहीं थी लेकिन, उपचार न मिलने के कारण एम्बुलेंस द्वारा ग्वालियर के लिए अपने मरीज को रैफर करा ले गए। मरीजों को देखने के लिए पर्याप्त डॉक्टरों की व्यवस्था नही है। इमरजेंसी ड्यूटी में प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों को जिला अस्पताल में लगाया जा सकता हैं। जिला अस्पताल के पीछे ऑक्सीजन प्लांट बन कर तैयार हो रहा हैं। इससे मरीजों को काफी हद तक मदद मिल सकेगी।

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