ग्रामीण क्षेत्रों में लॉकडाउन की पड़ताल: रतलाम के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की दस्तक के बाद होने लगा लॉकडाउन का पालन, लेकिन कृषि कार्य और फसल उपार्जन के लिए बाहर निकल रहे ग्रामीण

ग्रामीण क्षेत्रों में लॉकडाउन की पड़ताल: रतलाम के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की दस्तक के बाद होने लगा लॉकडाउन का पालन, लेकिन कृषि कार्य और फसल उपार्जन के लिए बाहर निकल रहे ग्रामीण


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रतलाम9 मिनट पहले

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गाँवों में पसरा सन्नाटा

रतलाम जिले में लगातार बढ़ रहे हैं कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन 1 मई तक बढ़ाया गया है। रतलाम शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में लॉकडाउन का पालन किस तरह किया जा रहा है इसकी पड़ताल करने दैनिक भास्कर की टीम ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंची । जहां अधिकांश ग्रामीण अब लॉकडाउन का पालन करते हुए नजर आए। कोरोना के बढ़ रहे संक्रमण का असर अब ग्रामीण अंचलों में भी दिखाई देने लगा है जहां लोग मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकल रहे हैं। हालांकि कुछ लोग लापरवाही बरतते हुए भी नजर आ रहे हैं। जिले के सुखेड़ा धामनोद धोसवास और कलोरी गांव में कोरोना संक्रमित मिलने के बाद ग्रामीण अंचलों में लोग लॉक डाउन का पालन करने लगे हैं। दिन के समय अधिकांश ग्रामीण अपने खेतों पर कृषि कार्य करने और फसल उपार्जन के लिए उपार्जन केंद्रों पर जा रहे हैं। वही ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण कार्यों को छूट मिली हुई है। जिससे निर्माण कार्य से जुड़े श्रमिक रोजगार भी हासिल कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान में जल संकट नहीं होने से पानी भरने के स्त्रोतों पर भी लोगों की भीड़ दिखाई नहीं दे रही है।

दरअसल ग्रामीण अंचलों में कोरोना कर्फ्यू का पालन किस तरह किया जा रहा है। उसकी पड़ताल करने दैनिक भास्कर की टीम रतलाम जनपद के करमदी और सेमलिया गांव पहुंची। जहां कोरोना कर्फ्यू का मिलाजुला असर देखने को मिला है। रतलाम शहर से सटे करमदी गांव में जहां लोग मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए नजर आए। वहीं सेमलिया गांव में कई लोग लापरवाही बरतते भी दिखाई दिए हैं। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में दिन के समय किसान कृषि कार्यों और गेहूं की फसल उपार्जन के लिए उपार्जन केंद्रों पर जाते हैं। वहीं महिलाएं और बच्चे घरों में ही रहकर लॉकडाउन का पालन कर रहे है। गांव में मिले ग्रामीणों ने बताया कि कोरोना का संक्रमण अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी फैल रहा है जिससे अब ग्रामीण क्षेत्रों में लोग मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने लगे हैं। वहीं कृषि कार्य से जुड़े एक ग्रामीण ने बताया कि किसान इन दिनों खेतों की जुताई और गेहूं के फसल उपार्जन कार्य में व्यस्त है। ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट नहीं होने की वजह से गांव के जल स्त्रोतों पर भीड़ एकत्रित होती हुई भी दिखाई नहीं दी है।

बहरहाल ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्य ,मनरेगा और निर्माण कार्य में मिली हुई छूट का बेवजह फायदा उठाते हुए ग्रामीण नजर नहीं आ रहे हैं। लेकिन धीरे धीरे रतलाम जिले के ग्रामीण अंचलों में कोरोना की दस्तक सुनाई देने लगी है। इसकी मुख्य वजह ग्रामीण क्षेत्रों में शादी के आयोजनों में संख्या से अधिक लोग एकत्रित होना भी है।

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