- Hindi News
- Local
- Mp
- Khandwa
- The Workers Laid Siege To The Contract Company’s Office In Protest Against The Petty Contractor, Saying 8 Hours Duty Without Safety In The Coal Furnace; Labor Department, Project Officer Also Partner
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
खंडवा (बीड़)30 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
मजदूरों ने कॉन्ट्रैक्ट कंपनी आका इकोलॉजी के दफ्तर का घेराव किया
संत सिंगाजी ताप परियोजना में काम कर रहे मजदूरों ने मंगलवार को हल्ला बोल दिया। पेटी कांट्रेक्टर के विरोध में कॉन्ट्रैक्ट कंपनी आका इकोलॉजी के दफ्तर का घेराव किया। पीड़ा बयां करते कहा कि कोयले की भट्टी में 8 घंटे बिना सेफ्टी की ड्यूटी करते है। पेटी कांट्रेक्टर ने कोई सुरक्षा संसाधन उपलब्ध नहीं कराएं। विरोध करने पर नौकरी से निकालने की धमकी देता है। स्थानीय नेता, श्रम विभाग व परियोजना अफसरों की मिलीभगत के चलते किसी दिन जान गवानी पड़ सकती है।
परियोजना के फेस वन में कोल किलिंग काम करने वाले मजदूरों ने विरोध प्रदर्शन कर मांग रखी कि कोविड-19 को देखते हुए इसी आका इकोलॉजी कंपनी में रूट मैन का काम करने वाले मजदूर व इलेक्ट्रिशियन की ड्यूटी 12 घंटे की जगह 8 घंटे कर दी गई है। इसी तरह कोल किलिंग में काम करने वाले मजदूरों की ड्यूटी भी 8 घंटे की बजाय 6 घंटे की जाए।

संत सिंगाजी विद्युत ताप परियोजना
विरोध कर रहे मजदूरों को कॉन्ट्रैक्ट कंपनी के अफसरों ने दो टूक में कह दिया कि आपकी सेवाएं पेटी कांट्रेक्टर के हाथ में है। जब जाकर इन मजदूरों ने पेटी कांट्रेक्टर का विरोध किया और उनकी कमियां बताई। पेटी कांट्रेक्टर सत्ता में बैठे नेताओं के दबाव से ऐसी बड़ी-बड़ी कंपनियों से मजदूरों का ठेका लेते हैं और मजदूरों का अधिकार छीन लेते हैं। इतना ही नहीं इन मजदूरों को सेफ्टी के नाम पर कुछ नहीं देते हैं। मजदूरों ने कहा विरोध करते हैं तो हमें काम पर से निकालने की धमकी देते हैं। हमारे पास जूते नहीं है, हमें ही खुद खरीद कर लाना पड़ता है। मजदूरों को कोयले की चुरी में केनाल के अंदर काम करना पड़ता है। जिसके कारण पूरे शरीर में कोयला ही कोयला भरा जाता है। हेलमेट से लेकर मास्क तक नहीं दिए जाते है। वेतन के नाम पर 8100 रूपए प्रतिमाह दिया जाता है। जो कि कलेक्टर रेट से कम है। पेटी कांट्रेक्टर अपने खुद के पैसे बचाने के लिए इन मजदूरों को किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं दे पाते हैं।
– 3 साल से काम कर रहे, मेडिकल तक नहीं कराया
मजदूरों ने बताया कोयले की चुरी में काम करने से कोयला मुंह के सहारे अंदर चले जाता है। 3 सालों में किसी भी मजदूर का मेडिकल टेस्ट नहीं कराया। सिर्फ शोषण कर जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। इसके बावजूद जिला मुख्यालय पर बैठे श्रम विभाग व मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी के सेफ्टी अधिकारी मजदूरों का हाल नहीं जानते।
– मजदूरों को उनका हक दिलाएंगेे
मजदूरों ने ड्यूटी टाइम कम करने की मांग रखी है। शासन की गाइडलाइन अनुसार 8 घंटे ही काम कराया जा रहा है। बात सेफ्टी की है तो मजदूरों से चर्चा करूंगा। पेटी कांट्रेक्टर सेफ्टी नहीं देता है तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी। मजदूरों को उनके हक दिलाएं जाएंगे। – बीएस चुंडावत, अधीक्षण अभियंता, सीएचसी फेस वन
संवाददाता : संदीप सोनी, बीड़