‘हमारी टीम के साथ ये ख़ास बात है कि हम किसी भी हालात का सामना करके वापसी करते हैं. पिछले साल ऐसा लग रहा था कि हम अंक-तालिका में सबसे नीचे रहेंगे लेकिन हमने अंतिम चार में जगह बना ली. इसलिए हमारी टीम को कभी भी हल्के में ना लें.’ वीवीएस इस लेखक के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान यह बात कहते हैं.
पूरे साल कॉमेंटेटर की भूमिका निभाने वाले लक्ष्मण साल के हर दो महीने एक अलग रोल में नज़र आते हैं. यह सच है कि हैदराबाद के पास कोचिंग जगत के एक से बढ़कर एक बड़े नाम हैं. इनमें टॉम मूडी (Tom Moody) और ट्रेवर बेलिस (Trevor Bayliss) के साथ साथ मुथैया मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) जैसे दिग्गज शामिल हैं. इन सबके साथ लक्ष्मण जैसा भारतीय नाम होने से टीम मैनेजमेंट को अलग ही फायदा मिलता है.
‘देखिये, हम एक टीम की तरह काम करते हैं. हमारे डेज़िगनेशन भले ही अलग-अलग हैं लेकिन हम सबका काम मिलकर यही तय करना है कि कैसे टीम अच्छा प्रदर्शन करे. उदाहरण के तौर पर मेरी भूमिका सिर्फ मेंटोरशिप तक सीमित नहीं है. अगर किसी बल्लेबाज़ या गेंदबाज़ के खेल में कुछ तकनीकी खामयां मुझे दिखती हैं तो मैं बिना किसी का इंतज़ार किए उनकी मदद के लिए जाता हूं. हर मैच से पहले प्लेइंग इलेवन का चयन भी हम सभी मिलकर करते हैं.’ लक्ष्मण अपने रोल के बारे में विस्तार से बताते हुए कहते हैं.शायद, हैदराबाद टीम की सबसे बड़ी ताकत ही उसकी कमज़ोरी भी है. इस टीम के सबसे बड़े मैच-विनर विदेशी खिलाड़ी हैं जो आप किसी भी मैच में 4 से ज़्यादा नहीं खिला सकते हैं. ‘देखिए, कुछ टीमों के पास शानदार विदेशी गेंदबाज़ हैं तो कुछ के पास शानदार विदेशी बल्लेबाज़. हमारे पास डेविड वॉर्नर (David Warner), जॉनी बेयरस्टो (Jonny Bairstow) और केन विलियम्सन (Kane Williamson) के तौर पर सफेद गेंद के चैंपियन खिलाड़ी हैं तो राशिद खान (Rashid Khan) तो हैं ही लाजवाब. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम सिर्फ जीत के लिए इन्हीं पर आश्रित हैं.’ 46 साल के लक्ष्मण सफाई देते हुए अपनी बात रखते हैं.
बहरहाल, हैदराबाद टीम में अगर कोई एक खिलाड़ी ऐसा है जो लक्ष्मण को उनके खेल और तौरतरीके की याद दिलाता है तो वह न्यूज़ीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन हैं. ‘अरे, भाई वे तो गज़ब के रोल मॉडल हैं. किस तरीके से दबाव वाले हालात में वो अपना संयम बनाकर रखते हैं, ये सीखने वाली बात है युवा खिलाड़ियों के लिए. अपने खेल में उन्हें पूरा भरोसा है. पारंपरिक क्रिकेट शॉट्स खेलते हुए भी उनका स्ट्राइक रेट अच्छा रहता है. मैदान के बाहर जिस तरीके का उनका रवैया है, उससे भी हमारे युवा खिलाड़ी काफी कुछ सीखते हैं.’ लक्ष्मण की बातों में एक अलग तरह का सम्मान झलकता है जब वो विलियम्सन के बारे में बातें कह रहे होते हैं.
लेकिन, अगर हैदराबाद की टीम में कोई सुपरस्टार है तो वो हैं अफगानिस्तान के राशिद ख़ान. लक्ष्मण जिन्होंने अपने पराक्रम के दौर में शेन वार्न को आसानी से परास्त किया और अनिल कुंबले जैसे दिग्गज को काफी करीब से देखा है, वो इस आधुनिक लेग स्पिनर के मुरीद हैं. राशिद खान मेरे लिहाज से सफेद गेंद की क्रिकेट में नंबर-1 स्पिनर हैं. उन्हें एक बात जो बाकी हर किसी से जुदा करती है वो है उनका माइंड-सेट. हमेशा आक्रामक बने रहने का नज़रिया. अपनी योग्यता पर उन्हें ऐसा अटूट भरोसा है कि आपको शायद यकीन ही ना हो. यही वजह होगी कि पिछले 4 साल में कोई भी उनका तोड़ नहीं निकाल पाया है जबकि एक से बढ़कर एक दिग्गज बल्लेबाज़ आईपीएल में खेलते हैं.’ टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज़ लक्ष्मण कहते हैं जो डेक्कन चार्जर्स (Deccan Chargers) के लिए 2008 में कप्तान की भूमिका भी निभा चुके हैं.
लक्ष्मण को वैसे एक भारतीय खिलाड़ी अब्दुल समद से इस सीज़न काफी उम्मीदें हैं. अब तक समद ने बहुत बड़ी पारी नहीं खेली है लेकिन लक्ष्मण उनकी काबिलियत से काफी प्रभावित हैं. ‘वो मुश्किल वक्त पर बैटिंग करने आते हैं. मुझे उम्मीद है कि वो बेहतर खेल आगे दिखाएंगे. तेज़ गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ क्रीज़ पर खड़े-खड़े छक्के मारना आसान नहीं होता है और ये ख़ास क्वालिटी समद में हैं. उनका बैट-फ्लो गजब का है. उनमें ताकत भी है और वो फिनिशर की भूमिका निभाएंगे.’ एसआरएच के मेंटोर हमें ये बात बताते हैं.
चलते-चलते लक्ष्मण से हमने ये जानने की कोशिश की अपनी टीम के अलावा किसी और खिलाड़ी से उन्हें इस सीज़न शानदार खेल की उम्मीद बहुत ज़्यादा है. उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत का नाम लिया. ‘पंत जो इस खेल की अच्छी समझ रखते हैं और ये भारत के लिए अच्छी बात है. उनके पास शॉट्स तो हमेशा से ही थे लेकिन अब उनके खेल में एक अलग किस्म की परिपक्वता दिखती है. अपने स्वाभाविक खेल को बिना छेड़े हुए उन्होंने एक ख़ास तरह का संतुलन हासिल किया है अपनी बैटिंग में. उनकी कीपिंग में भी काफी सुधार आया है और मुझे ऐसा लगता है कि पंत भविष्य के खिलाड़ी है.’ ऐसा कहते हुए लक्ष्मण एक और अभ्यास सत्र में हिस्सा लेने के लिए आगे बढ़ जाते हैं.