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- When The Hospitals Are Getting Oxygen Free, Why Are They Charging Arbitrary Prices From The Patients, The Answer Strict Action Will Be Taken On The Complaint, 3 Days Had Been Done On The Hospitals
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इंदौर7 मिनट पहले
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सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि अस्पतालवालों से इसे लेकर बात हुई है। अब वे ऐसा नहीं करेंगे।
प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के कारण हाहाकार मचा हुआ है। इस संक्रमण काल में इंदौर के ऊपर प्रदेश में सबसे ज्यादा भार है। इसका कारण प्रदेश के करीब 32 फीसदी मरीजों का यहां भर्ती होना है। ऐसे में यहां न तो ऑक्सीजन उपलब्ध हो पा रही है और ना ही बेड और दवाइयां। किल्लत के बाद लगातार अस्पतालों को फ्री में ऑक्सीजन की सप्लाई अलग-अलग माध्यम से की जा रही है, लेकिन देखने में आया है कि फ्री में ऑक्सीजन मिलने के बाद भी अस्पताल वाले मरीज के बिल में ऑक्सीजन के मनमाने रेट जोड़ रहे हैं। मामले में जब सांसद शंकर लालवानी से बात की गई तो उन्होंेने कहा कि यदि ऐसी शिकायत आएगी तो हम सख्त कार्रवाई करेंगे। इसके लिए हमने एक कमेटी गठित कर दी है। इसके पहले तीन अस्पतालों पर हम कार्रवाई कर चुके हैं।

लोग सुबह से ही सलेंडर की व्यवस्था कर कंपनी के सामने लाइन से लग जाते हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में निर्देश जारी किए थे कि कोई भी डॉक्टर मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन बाहर से लेकर आने का नहीं लिखेगा। इस अदेश के बाद भी कई अस्पताल वाले ऐसा कर रहे हैं। इस मुद्दे पर जब सांसद लालवानी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले डॉक्टरों की बैठक लेकर उन्हें ऐसा नहीं करने को कहा गया था। हालांकि जितने भी मरीज भर्ती हो रहे हैं, उनकी यही चाहत है कि उन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन जल्द से जल्द लग जाए। उपलब्धता के आधार पर अस्पतालों को इंजेक्शन दिए जा रहे हैं। एक से दो दिन में स्थितियां और बेहतर हो जाएंगीं।
उन्होंने बताया कि इंजेक्शन का प्रोडक्शन प्राइवेट कंपनियां करती हैं। एक समय ऐसा था जब इन इंजेक्शन को कोई खरीदने वाला नहीं था। कंपनियों को करोड़ों का नुकसान हुआ तो उन्होंने प्रोडक्शन बंद कर दिया। जैसे ही डिमांड बढ़ी तो उन्होंने इंजेक्शन बनाना तो शुरू किया, लेकिन उनके पास सीमित संसाधन थे। वे लगातार अब प्रोडक्शन बढ़ा रहे हैं। शहर में ऑक्सीजन फ्री में उपलब्ध हो रही है, लेकिन अस्पताल वाले लोगों से मनमाने रेट वसूल रहा है। पिछले दिनों यह बात आई थी तो हमने तीन अस्पतालों पर कार्रवाई की थी। अस्पताल को अभी बंद करना सही नहीं रहेगा। यदि इस प्रकार से कोई शिकायत आएगी तो हमारे द्वारा गठित कमेटी जांच करेगी। बिल में ऑक्सीजन के तीन हजार प्रतिदिन एड किए जा रहे हैं। इस पर उन्होंने शिकायत आने पर जांच किए जाने की बात कही है।