संक्रमण का खतरा: कोरोना टेस्ट कराने के बाद सभी को एक साथ छात्रावास में कर रहे क्वारैंटाइन

संक्रमण का खतरा: कोरोना टेस्ट कराने के बाद सभी को एक साथ छात्रावास में कर रहे क्वारैंटाइन


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गुना8 घंटे पहले

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कोरोना की जांच कराने आने वालों को इस बस में भरकर क्वारैंटाइन सेंटर भेज दिया जाता है।

कोरोना टेस्ट कराने के बाद रिपोर्ट आने तक संस्थागत क्वारैंटाइन के निर्णय के चलते जिले में लगातार टेस्ट कराने में गिरावट आ रही है। वहीँ, मंत्री के निर्देशों को भी प्रशासन ने हवा में उड़ा दिया है। अभी भी टेस्ट कराने वाले नागरिकों को बस में बिठाकर एकलव्य छात्रावास भेजा जा रहा है।

दरअसल, पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष नागरिक बड़ी संख्या में कोरोना की जांच कराने फीवर क्लिनिक पहुंच रहे थे। बिना लक्षण वाले मरीज भी जांच करने पहुंच जाते थे। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने आदेश दिया, जो भी व्यक्ति कोरोना की जांच कराने जाएगा, उसे रिपोर्ट आने तक एकलव्य छात्रावास में क्वारैंटाइन किया जाएगा। इसी आदेश के चलते टेस्ट कराने वालों की संख्या घट गई। संख्या कम जरूर हुई, लेकिन उसके बाद भी जो लोग टेस्ट कराने पहुंचे, उन्हें सभी को बस में भरकर छात्रावास में क्वारैंटाइन किया जा रहा है। नागरिकों ने इसका विरोध भी किया।

उनका कहना था कि क्वारंटाइन सेंटर पर सभी टेस्ट कराने वालों को एक साथ रखा जा रहा है। ऐसे में जो पॉजिटिव होंगे, वो निगेटिव आने वालों के साथ ही क्वारैंटाइन रहेंगे। ऐसे में संक्रमण का खतरा सभी को हो सकता है। नागरिकों के इसी विरोध के बाद पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने प्रशासन को निर्देश दिए थे कि टेस्ट करने के बाद जांच रिपोर्ट आने तक सभी को घर पर ही क्वारैंटाइन रहने कि अनुमति दी जाए। संस्थागत क्वारैंटाइन न किया जाए।

मंत्री के निर्देश के बाद भी प्रशासन का अड़ियल रवैया जारी है। दो दिन पहले दिए गए मंत्री के निर्देशों के बाद भी गुरुवार तक पालन नहीं हुआ। गुरुवार को भी लोगों को बस में भरकर फीवर क्लिनिक से एकलव्य चिकित्सालय भेजा जाता रहा।

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