आशीष नेहरा ने भारत के लिए 18 साल क्रिकेट खेली. वो 2011 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे. (Rushma Nehra Instagram)
नई दिल्ली. पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज आशीष नेहरा (Ashish Nehra Birthday) 42 साल के हो गए. 29 अप्रैल 1979 को दिल्ली में पैदा हुए नेहरा ने 18 साल भारत के लिए क्रिकेट खेली. लेकिन चोटों के कारण टीम से उनका अंदर-बाहर होना लगा रहा. नेहरा को करियर के दौरान 12 बार सर्जरी से गुजरना पड़ा. लेकिन हर बार कड़ी मेहनत के दम पर इस गेंदबाज ने वापसी की और अपनी छाप छोड़ने में सफल रहे. खासतौर पर वर्ल्ड कप में तो इस गेंदबाज का प्रदर्शन हमेशा ही शानदार रहा. नेहरा ने 1999 में टेस्ट और इसके दो साल बाद वनडे में डेब्यू किया था. उनका टेस्ट करियर ज्यादा नहीं चला और वो भारत के लिए 17 मैच ही खेल पाए. उन्होंने 2004 में देश के लिए आखिरी टेस्ट खेला. नेहरा भले ही टेस्ट क्रिकेट ज्यादा नहीं खेल पाए. लेकिन वनडे और टी20 में चोट के बावजूद वो अच्छा प्रदर्शन करते रहे. उन्होंने 2003 में वर्ल्ड कप खेलने वाली भारतीय टीम में जगह मिली. इस वर्ल्ड कप में भारत फाइनल तक पहुंचा. लेकिन खिताब जीतने से चूक गए. मगर नेहरा की गेंदबाजी ने सबको प्रभावित किया. खासतौर पर इंग्लैंड के खिलाफ तो उन्होंने 10 ओवर में 23 रन देकर 6 विकेट झटके. यह वर्ल्ड कप इतिहास में किसी भी भारतीय का सबसे अच्छा प्रदर्शन था. आज तक कोई भी भारतीय गेंदबाज उनका विश्व कप का ये रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाया है.
चोट के बावजूद नेहरा ने इंग्लैंड के खिलाफ शानदार गेंदबाजी की इस मैच की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है. पैर में सूजन होने के बाद भी नेहरा ये मुकाबला खेले थे. उन्होंने मैच में ऐसी स्विंग गेंदबाजी की, जो आज भी फैंस को याद है. हालांकि, इसके बाद वो लगातार चोट से जूझते रहे. चोट के कारण 2005 में उन्हें जिम्बाब्वे दौरा बीच में छोड़कर घर लौटना पड़ा. कई बार उनकी एड़ी की सर्जरी हुई. इसी वजह से उनकी रफ्तार और करियर दोनों धीमा पड़ गया. हालांकि, 2009 के आईपीएल में अच्छे प्रदर्शन के बाद उन्हें इसी साल वेस्टइंडीज दौरे के लिए चुना गया और ये नेहरा के लिए यादगार रहा.
चोट के कारण 2011 वर्ल्ड कप फाइनल नहीं खेले थे उन्होंने 2009 में वनडे में 31 विकेट लिए. ये किसी एक साल में उनके सबसे ज्यादा विकेट थे. अगले साल उन्होंने 28 विकेट लिए. इसी प्रदर्शन के दम पर उन्हें 2011 की वर्ल्ड कप टीम में चुना गया. इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में उन्होंने काफी किफायती गेंदबाजी की थी. उन्होंने 10 ओवर में 33 रन देकर दो विकेट लिए थे. लेकिन इस मैच में उनकी उंगली में फ्रैक्चर हो गया था. इसके चलते वे फाइनल से बाहर रहे और ये नेहरा के वनडे करियर का आखिरी मैच भी साबित हुआ. नेहरा ने भारत के लिए 120 वनडे में 157 और 27 टी20 में 34 विकेट लिए.
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IPL 2021: आखिर क्यों चर्चा में हैं सनराइजर्स हैदराबाद के कप्तान डेविड वॉर्नर के जूते? 2011 के वर्ल्ड कप के 5 साल बाद नेहरा को मौका मिला इस वर्ल्ड कप के बाद से वो 5 साल टीम इंडिया से बाहर रहे. लेकिन 2015 के आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के साथ जुड़ने के बाद उनका खेल पूरी तरह बदल गया. उस आईपीएल में नेहरा ने 22 विकेट लिए, जो किसी भी भारतीय गेंदबाज से ज्यादा थे. इसी प्रदर्शन के कारण 5 साल बाद उन्हें दोबारा भारतीय टीम में मौका मिला. उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टीम में चुना गया. नेहरा की मौजूदगी में भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में सीमित ओवर की सीरीज जीती. अगले साल उन्हें एशिया कप और फिर टी20 वर्ल्ड कप में मौका दिया गया. उन्होंने भारत में हुए टी20 विश्व कप में पांच मैच में 5 विकेट लिए थे. लेकिन वो किफायती गेंदबाज साबित हुए. टूर्नामेंट में उनका इकोनॉमी रेट 5.94 रहा. उन्होंने 2017 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया.