अजबपुरा गांव पहुंचे अफसर: राहत सामग्री देने के साथ ही तैनात की गई SAF टीम; मकान बनने तक सरकारी स्कूल में रहने की व्यवस्था

अजबपुरा गांव पहुंचे अफसर: राहत सामग्री देने के साथ ही तैनात की गई SAF टीम; मकान बनने तक सरकारी स्कूल में रहने की व्यवस्था


Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

भोपाल42 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

अफसरों ने गांव में पहुंचकर राहत सामग्री दी।

दो अलग अलग समाज के नाबालिग लड़का लड़की के प्रेम प्रसंग के बाद उपजे विवाद और इसके चलते पूरी बस्ती में आग लगा देने की घटना के बाद प्रशासन सक्रिय हो गया है। अफसरों की टीम ने शुक्रवार को घटनास्थल अजबपुर पहुंचकर पीड़ितों के हालात जाने।

कलेक्टर भोपाल अविनाश लवानिया के निर्देश पर शुक्रवार को SDM बैरसिया राजीव नन्दन श्रीवास्तव, तहसीलदार बैरसिया राजेन्द्र पवार और ADPO बैरसिया केके वर्मा स्टाफ के साथ घटनास्थल पहुंचे और पीड़ितों को राहत सामग्री प्रदान की। SDM ने पीड़ितों के लिए राहत राशि का प्रकरण भी बना लिया है।

गौरतलब है कि बैरसिया के अजबपुरा गांव में दो अलग-अलग समाज के नाबालिग लड़का-लड़की के प्रेम प्रसंग विवाद के बाद गुर्जर समाज के लगभग दो दर्जन लोगों ने सपेरा समाज के 13 झोपड़ों में आग लगा दी थी। जिससे झोपड़े जलकर खाक हो गए थे।

मोहब्बत की रंजिश..:भोपाल में दबंगों ने बस्ती में घुसकर जला डाले मकान; मारपीट के डर से भाग खड़े हुए रहने वाले, दो दर्जन के खिलाफ केस

मकान बनाने के लिए दी सामग्री, राशन भी उपलब्ध कराया
मकान बनाने का सामान और राहत सामग्री लेकर घटनास्थल पहुंचे बैरसिया SDM राजीव नंदन श्रीवास्तव ने पीड़ितों को लकड़ी की बल्लियां और अन्य सामान भी प्रदान किया। पीड़ितों में से कुछ के प्रधानमंत्री आवास योजना के पक्के मकान थे। वहीं जिनके पास सिर्फ कच्चे मकान थे और वह जल गए थे, उनको मकान बनने तक गांव के सरकारी स्कूल में रहने की व्यवस्था करवाई। इसके अलावा एसडीएम ने नियमाअनुसार सभी पीड़ितों के मकान बनाने के लिए 45- 45 हजार की राशि स्वीकृत की।

SAF की टीम की तैनात
घटनास्थल पर पहुंचे प्रशासन की टीम ने पीड़ितों को राशन सामग्री उपलब्ध कराया। साथ ही खाना बनाने के अन्य सामान घासलेट का तेल आदि भी उपलब्ध कराया। भविष्य में पीड़ितों के साथ किसी तरह की कोई घटना ना हो उसके लिए पुलिस ने घटनास्थल पर SAF की एक टीम को तैनात कर दी है।

खबरें और भी हैं…



Source link