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- 257 Newly Infected, 25 Patients In BMC Have Succumbed; Positive Patients Figure Reached 5361
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सागर22 मिनट पहले
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बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब से गुरुवार को 257 नए संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई है। जिसके बाद अप्रैल माह में पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 5361 पर पहुंच गया है। वहीं सागर में अब तक 11455 कुल संक्रमित मरीज़ मिल चुके हैं। गुरुवार को मिले संक्रमित मरीजों में बीएमसी की वायरोलॉजी लैब से 173, रैपिड एंटीजन टेस्ट से 20 और अन्य निजी लैबों से 64 पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हुई है।
वहीं बीएमसी में इलाज के दौरान गुरुवार को 25 मरीजों ने दम तोड़ दिया। इनमें 10 संक्रमित मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव बताई जा रही है। जबकि अन्य की रिपोर्ट नेगेटिव व प्रतीक्षारत है। बीएमसी में दम तोड़ने वाले संक्रमित मरीजों में बांदरी निवासी 40 वर्षीय पुरुष, गोपालगंज निवासी 70 वर्षीय वृद्ध, टडा केसली निवासी 61 वर्षीय वृद्ध, जरुआखेड़ा निवासी 70 वर्षीय वृद्ध, केसली निवासी 48 वर्षीय पुरुष, पुरव्याउ टोरी निवासी 59 वर्षीय पुरुष, राजा बिलहरा निवासी 55 वर्षीय महिला, सुरखी निवासी 54 वर्षीय पुरुष और बरियाघाट निवासी 45 वर्षीय पुरुष शामिल है।
जिला चिकित्सालय पर मौत के 4 दिन बाद शव देने का आरोप
बरायठा निवासी एक मृतक के परिजनों ने जिला अस्पताल पर मौत के चार दिन बाद शव देने के आरोप लगाए हैं। मृतक के भाई सुनील जैन का कहना है कि उनके 46 वर्षीय भाई सुरेश जैन को 25 अप्रैल के दिन जिला अस्पताल में भर्ती किया था। जहां 26 अप्रैल की सुबह 8 बजे उनकी मौत हो गई। प्रबंधन ने कोरोना गाइड लाइन का हवाला देते हुए परिजनों को शव सौंपने से इंकार कर दिया। प्रबंधन का कहना था कि केवल अस्थियां ही दी जाएंगे।
लेकिन परिजन कई दिन तक इसके लिए परेशान होते रहे। 29 अप्रैल की सुबह बरायठा थाने से उन्हें अपने भाई का अंतिम संस्कार न होने की जानकारी मिली। जिसके बाद परिजन आनन-फानन में जिला चिकित्सालय पहुंचे, लेकिन इसके बाद भी प्रबंधन ने उन्हें शव देने से इंकार कर दिया। परिजनों ने मामले की शिकायत विधायक शैलेन्द्र जैन से की और विधायक के हस्तक्षेप के बाद मरचुरी से परिजनों को 4 दिन पुराना शव सौंपा और फिर उन्होंने नरयावली नाका मुक्तिधाम पर उनका अंतिम संस्कार किया।
आंकड़ों में गड़बड़ी को लेकर पूर्व मंत्री ने की जांच की मांग: पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी ने कोरोना के आंकड़ों में दर्जनों नाम एक से अधिक बार अंकित करने, वीआईपी मरीजों का नाम गायब करने और आंकड़ें छुपाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। इस संबंध में गुरुवार को उन्होंने संभागायुक्त मुकेश शुक्ला से चर्चा की और मामले की जांच कराने की मांग की। वहीं उपचार सामग्री की कालाबाजारी को लेकर फर्जीवाडे़ की आशंका जताते हुए जांच कराने को कहा है।