बिजली कंपनी ने बंद की वसूली: एक साल पहले कोरोना काल के 1 करोड़ नहीं वसूल पाए, अब कोरोना कर्फ्यू ने बढ़ाई अफसरों की चिंता

बिजली कंपनी ने बंद की वसूली: एक साल पहले कोरोना काल के 1 करोड़ नहीं वसूल पाए, अब कोरोना कर्फ्यू ने बढ़ाई अफसरों की चिंता


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खंडवा2 घंटे पहले

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रीडर व लाइनमेन बकायादारों के घर जाकर उनसे बिजली बिल भरने की विनती कर रहे हैं। 

  • रीडर-लाइनमेन बकायादारों को दे रहे बिल भरने की समझाइश

बिजली कंपनी पिछले साल कोरोना काल के 1 करोड़ रुपए की वसूली से ऊबर नहीं पाई थी कि दोबारा कोरोना कर्फ्यू ने अफसरों को चिंता में डाल दिया। अफसर-कर्मचारी अब वसूली छोड़कर मेंटेनेंस में लग गए, जबकि रीडर व लाइनमेन बकायादारों के घर जाकर उनसे बिजली बिल भरने की विनती कर रहे हैं।

कोरोना संक्रमण के चलते पिछले साल 26 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन लग गया था। शासन ने मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को निर्देश दिए थे कि लाॅकडाउन के चलते तीन महीने का बिजली बिल उपभोक्ताओं पर बकाया रहने दिया जाए। खंडवा में ऐसे छोटे-बड़े 8 हजार उपभोक्ताओं से बिजली कंपनी को 1.10 करोड़ रुपए वसूलने थे, जो अफसर लॉकडाउन के चलते नहीं वसूल पाए थे।

इस साल भी कोरोना का दूसरा दौर आया और संक्रमण बढ़ने पर 17 अप्रैल से जिले में कोरोना कर्फ्यू लग गया। शासन से बिजली कंपनी को फिर निर्देश मिले के कोरोना कर्फ्यू के चलते उपभोक्ताओं पर सख्ती नहीं की जाए, उनसे विनती कर बकाया बिल वसूला जाए। ऐसे में अफसर अब बकायादारों से वसूली छोड़कर मेंटेनेंस पर ध्यान दे रहे हैं।

लाइनमेन, रीडर कर रहे विनती – बिजली कंपनी के अनुसार जिले में अप्रैल की खपत की रीडिंग शुरू कर दी गई है। रीडर व लाइनमेन इस काम में लगे हैं। इनके द्वारा रीडिंग के दौरान जो बकायादार है, उनसे बिल भरने की विनती की जा रही है। यहां बकायादार कोरोना कर्फ्यू का हवाला देकर बिल नहीं भर रहे हैं।

फिलहाल सख्ती बंद, विनती कर मांग रहे बिल की राशि

कोरोना कर्फ्यू के दौरान लोग घरों में कैद हैं। ऐसे में बिल वसूली करना जायज नहीं है। हम अपने रीडर व लाइनमेनों की मदद से बकायादारों से बिल वसूली करवा रहे हैं। कुछ उपभोक्ता बिल भर रहे हैं, कुछ अभी बकाया भरने से इंकार कर रहे हैं।
राहुल राय, सहायक यंत्री, बिजली कंपनी

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