500 रुपए के विवाद में गला काटकर जलाया: पुलिस ने मकान मालिक की लाश मानकर जांच शुरू की तो पता चला उसी ने की हत्या; अपराध छिपाने के लिए दोस्त को बेरहमी से मारकर जलाया

500 रुपए के विवाद में गला काटकर जलाया: पुलिस ने मकान मालिक की लाश मानकर जांच शुरू की तो पता चला उसी ने की हत्या; अपराध छिपाने के लिए दोस्त को बेरहमी से मारकर जलाया


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उज्जैन22 मिनट पहले

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गमगीन दोस्त और परिवार वाले।

पुलिस को एक मकान में लाश पड़ी होने की सूचना मिली तो माना गया कि यह मालिक की है। जांच शुरू की तो पता चला कि यह लाश तो मकान मालिक के दोस्त की है। उज्जैन जिले के घटिया थाना क्षेत्र के दौलतपुरा गांव में 500 रुपए के विवाद में चार लोगों ने मिलकर अपने ही दोस्त की हत्या कर दी। पुलिस ने तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है।

लालसिंह पिता दयाराम के घर में जली हुई लाश पड़ी होने की सूचना पुलिस को चौकीदार से मिली। पुलिस व एफएसएल की टीम जब मौके पर पहुंची तो चेहरा जला होने के कारण माना गया कि लाश मकान मालिक लालसिंह की ही है। शव को पीएम के लिए जिला अस्पताल उज्जैन लाया गया। एक संदिग्ध आरोपी बलराम पुलिस की गिरफ्त में आया। उसे पकड़ने के बाद हत्या की कहानी का पर्दाफाश हुआ। पुलिस जिसकी लाश समझ रही थी वी जिंदा निकला। पुलिस जब तीन आरोपी तक पंहुची तो पता चला की यह सभी दोस्त कई बार पार्टी करते थे। दो दिन पहले भी पैसों के लेने देन को लेकर विवाद हुआ था। बीती रात फिर से 500 रुपए को लेकर विवाद बड़ा जिसके बाद पंकज की बेहरमी से ह्त्या कर दी गई।

क्या है पूरा मामला
थाना घटिया के जांच अधिकारी प्रेम सिंह यादव ने बताया कि दरअसल पंकज पिता देवीलाल (25) निवासी ग्राम बिछड़ौद मजदूरी करता था। पंकज का दोस्त लालसिंह पिता दयाराम (27) निवासी दौलतपुर पार्टी करने के बहाने बुधवार शाम घर से बाइक पर बैठाकर ले गया था। गुरुवार सुबह दौलतपुर के चौकीदार ने पुलिस को सूचना दी कि लालसिंह के घर में जली हुई लाश पड़ी है। पुलिस व एफएसएल की टीम यहां पहुंची तो शव का चेहरा सहित बॉडी 70% जली होने के कारण शिनाख्ती नहीं हो पा रही थी। शव तत्काल उज्जैन जिला अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए लाया गया।

चूंकि उस वक्त लालसिंह घर पर नहीं था तो पुलिस ने माना कि लाश लालसिंह की है। शव जब्त कर पीएम के लिए जिला चिकित्सालय आया तो प्रारंभिक जांच में पुलिस को पता चला था कि हत्या के बाद पहचान छिपाने के लिए शव को पेट्रोल डालकर जलाने का प्रयास किया गया है। यह लाश लाल सिंह की नहीं है, पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ शुरू की। लोगों ने पुलिस को बताया कि लालसिंह के घर में पंकज पिता देवीलाल, बलराम पिता राधेश्याम, जितेंद्र मोंगिया ने बीती रात शराब पार्टी की थी। इस पर पुलिस ने इन लोगों की तलाश शुरू की तो बलराम पकड़ में आया। उसने पूछताछ में कहा कि जो लाश मिली है वह पंकज पिता देवीलाल की है, लालसिंह व अन्य साथी हत्या के बाद भाग गए है।

पुलिस ने पंकज के परिवार वालों को हत्या की सूचना दी। उन्होंने अस्पताल पहुंचकर शव की शिनाख्त की। वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने आरोपी बलराम को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। प्रारंभिक पूछताछ में पुलिस को पता चला कि लालसिंह के घर में शराब पार्टी करते समय पंकज और लालसिंह के बीच 500 रुपए को लेकर विवाद हुआ था। लालसिंह ने दराते से पंकज का गला काट दिया और पेट्रोल डालकर शव को जला दिया। पार्टी में कुल 5 लोग थे। पंकज की हत्या के बाद चारों भाग गए थे। इनमें से तीन को पुलिस हिरासत में ले चुकी है।

इकलौता पुत्र था
पंकज के भानजे संतोष चौहान ने बताया कि उसके पिता की मौत दो वर्ष पहले बीमारी के कारण हो चुकी है। तीन बहनें हैं जिनकी शादी हो चुकी है। पंकज मजदूरी करता था और विधवा मां का इकलौता सहारा था। उसकी हत्या क्यों की गई इसकी जानकारी परिवार वालों को भी नहीं है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि हत्या के पीछे कुछ और कारण भी हो सकते हैं जिसकी जांच जारी है। साथ ही फरार आरोपियों की तलाश भी जारी है। परिवार वालों के मुताबिक पंकज की शादी अभी नहीं हुई थी। अभी उसकी मां को बेटे की हत्या की जानकारी भी नहीं दी गई है।

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