कोरोना संक्रमित शव का अपमान: गुजरात के राजकोट से यूपी के आजमगढ़ जा रही बस में व्यक्ति की मौत, चालक रास्ते में डेड बॉडी उतार कर हुआ फरार

कोरोना संक्रमित शव का अपमान: गुजरात के राजकोट से यूपी के आजमगढ़ जा रही बस में व्यक्ति की मौत, चालक रास्ते में डेड बॉडी उतार कर हुआ फरार


  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Rewa
  • A Person Was Killed In A Bus Going From Rajkot In Gujarat To Azamgarh In Uttar Pradesh, The Driver Absconded After Taking Off His Dead Body On The Way

Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

सतना5 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

कोरोना संक्रमित की डेड बॉडी उठवाती पुलिस

  • एनएच 30 के बेला चौकी का मामला, पुलिस ने मानवता दिखाते हुए कोरोना प्रोटोकॉल के तहत कराया अंतिम संस्कार

नेशनल हाइवे 30 के बेला चौकी अंतर्गत मुख्य मार्ग में पड़े शव को पुलिस ने मानवता दिखाते हुए कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार कराया है। पुलिस की मानें तो गुजरात के राजकोट से यूपी के आजमगढ़ जा रही बस में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। ऐसे में शनिवार की सुबह करीब 10 बजे अज्ञात बस चालक ने मृतक की डेड बॉडी व उसके भतीजे को उतार कर फरार हो गया। आसपास के लोगों ने जब हाइवे में पड़ा हुआ शव देखा तो रामपुर बाघेलान थाने की बेला चौकी को सूचना दी।

जानकारी के बाद चौकी प्रभारी नरेन्द्र सिंह मौके पर पहुंंच गए। उन्होंने पीपीई​ किट पहनकर भतीजे से पूरी जानकारी ली। इसके बाद पंचनामा कार्रवाई करते हुए एंबुलेंस में शव को लदवाकर रामपुर बाघेलान सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में ले जाकर पीएम कराया गया। फिर परिजनों की मौजूदगी में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार कराया गया।

ये है मामला
मिली जानकारी के मुताबिक 29 अप्रैल की शाम गुजरात के राजकोट से एक बस बुक होकर यूपी के आजमगढ़ जा रही थी। जिसमे तकरीबन 50 प्रवासी मजूदर पलायन कर अपने अपने घर लौट रहे थे। जिसमे केदार चौहान पिता झूरी चौहान उम्र 54 वर्ष निवासी चच्चुपुर थाना तरवा जिला आजमगढ व उसका भतीजा नीरज चौहान भी सवार था। दो दिन तक लगातार बस में यात्री सवार रहे, लेकिन तीसरे दिन की सुबह मतलब एक मई को जैसे ही बस जबलपुर से आगे बढ़ी तभी केदार चौहान को दिल का दौरा पड़ गया और उनकी मौत हो गई।

अन्य यात्रियों के विरोध के बाद उतारा गया शव
मृतक के भजीत की मानें तो कटनी के पास जैसे ही बस पहुंची तो बस में सवार अन्य यात्री कोरोना संक्रमित मानते हुए विरोध शुरू कर दिया। जबकि मृतक का भतीजा साथी मजदूरों से बार बार मिन्नतें व बिनती करता रहा। लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं हुए। ऐसे में शनिवार की सुबह जैसे ही बस बेला बाइपास से आगे रीवा बॉर्डर स्थित केमार गांव के ओम फीलिंग पेट्रोल पंप के पास पहुंची तो चालक बस को रोककर डेड बॉडी को नीचे उतार कर आगे के लिए रवाना हो गया।

एमपी पुलिस ने दिखाई मानवता
मृत डेड बॉडी के साथ हाइवे में खड़ा भतीजा अपनी नजर झुकाकर खड़ा था। ऐसे में आसपास के ग्रामीण एकत्र होकर पूरे मामले की सूचना रामपुर बाघेलान थाना व बेला पुलिस को दी। जानकारी के बाद बेला चौकी प्रभारी नरेन्द्र सिंह मय पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। वे डेड बॉडी को कोरोना संक्रमित मानते हुए पीपीई किट पहनकर शव का पंचनामा कराया। इसके बाद पूरे घटनाक्रम की जानकारी मृतक के भतीजे से ली। फिर शव को विशेष एंबुलेंस से रामपुर बाघेलान सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में ले जाकर पीएम कराया गया। जहां विधिवत कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार परिजनों के सामने कराया गया।

खबरें और भी हैं…



Source link