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- The Sound Of Barricades, Police And Sirens At Every Intersection In The City, The Police Showed Strictness, Closed To Rickshaws, Four wheeled Vehicles Still Ferrying
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मुरैना2 मिनट पहले
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बच्चों को गोदी में उटाए रेलवे �
- पैदल चलने के बावजूद लोगों में नहीं असंतोष
- बीमारी की मजबूरी बता रहे लोग
मुरैना। मुरैना शहर में 7 मई तक पूरी तरह से लॉकडाउन लगा दिया गया है। यहां तक कि ई-रिक्शा व चार पहिया वाहन तक को चलने की अनुमति नहीं है। रिक्शा तो नहीं चल रहे लेकिन इक्का-दुक्का चार पहिया वाहन घूमते नजर आ रहे हैं। कोरोना संक्रमण को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह सख्त हो गया है। शहर में पूरी तरह से लॉकडाउन लगा दिया गया है। शनिवार को इस सख्ती का पहला दिन था। इस दिन पुलिस की सख्ती का असर देखने को मिला। शहर में ई-रिक्शा तक बंद कर दिए गए तथा बसों का परिचालन पूरी तरह से बंद कर दिया गया।

बैरियर चौराहे पर पसरा सन्नाटा
पुलिस की सख्ती से वे लोग परेशान दिखाई दिए जो अपने रिश्तेदारों के यहां शादी में शामिल होने मुरैना आए थे लेकिन उन्हें अब वापस पैदल ही जाना पड़ा। इन सभी लोगों का रुख रेलवे स्टेशन की तरफ था क्योंकि जिला प्रशासन ने बसों का परिचाालन पहले ही बंद कर दिया है।
वीरानी छाई सड़कों पर, क्या करें मजबूरी है
जब कुछ लोगों से इस संबंध में बात की तो उन्होंने इस लॉकडाउन के खिलाफ बोलने की अपेक्षा यही कहा कि, सरकार भी क्या करें, मजबूरी है। लोग इस लॉकडाउन का स्वेच्छा से स्वागत कर रहे हैं। उन्हें भले ही बैरियर चौराहे से रेलवे स्टेशन तक पैदल जाना पड़ रहा है लेकिन अपनों के जीवन की रक्षा के लिए उन्हें यह मंजूर है।

शहर के बीचो-बीच भी सन्नाटा
जिला अस्पताल के बाहर भीड़
पूरे शहर में जिला अस्पताल के सामने ही मोटरसाइकिलों की भीड़ दिखाई दी। उसके पीछे अस्पताल के सामने बनी मार्केट हैं जहां मेडीकल व अन्य जरूरी सामान की दुकानें हैं।

सदर बाजार में पसरा सन्नाटा
बस स्टेण्ड पर पसरा सन्नाटा
बीते दिनों में बस स्टेण्ड पर यात्रियों की भीड़ देखी जाती थी लेकिन शनिवार से बस स्टेण्ड भी सूना हो गया। इसके साथ ही बस स्टेण्ड के आस-पास बनी दुकानें भी बंद रहीं।