कोराेना से पूर्व मंत्री की मौत: कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे बुंदेलखंड के नेता बृजेंद्र सिंह राठौर भोपाल में भर्ती थे, 15 अप्रैल को पाए गए थे संक्रमित

कोराेना से पूर्व मंत्री की मौत: कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे बुंदेलखंड के नेता बृजेंद्र सिंह राठौर भोपाल में भर्ती थे, 15 अप्रैल को पाए गए थे संक्रमित


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भोपाल3 घंटे पहले

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बृजेंद्र सिंह राठौर कोराेना से जंग हार गए।

कमलनाथ की कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री रहे बुंदेलखंड के दिग्गज कांग्रेस नेता विधायक बृजेंद्र सिंह राठौर का रविवार शाम राजधानी भोपाल के चिरायु अस्पताल में निधन हो गया। संक्रमित पाए जाने के बाद 15 अप्रैल से उनका इलाज चल रहा था। हाल ही में दमोह में हुए उपचुनाव में उन्हें कांग्रेस ने अपना प्रभारी बनाया था। वे चुनाव के दौरान ही संक्रमित हुए थे। उनके निधन की पुष्टि कांग्रेस के महामंत्री राजीव सिंह ने की है।

एयर एंबुलेंस से लाए थे भोपाल
पृथ्वीपुर विधायक बृजेंद्र सिंह राठौर 15 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। इसके बाद वह घर में ही आइसोलेट रहे, लेकिन तबीयत बिगड़ने पर वह झांसी के एक निजी अस्पताल में भर्ती हो गए थे, जहां पर उनका उपचार किया जा रहा था। उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें एयर एंबुलेंस से भोपाल शिफ्ट किया गया था। जहां पर चिरायु अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा था।

5 बार विधायक रहे
कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री बने पृथ्वीपुर के विधायक बृजेंद्र सिंह राठौर को राजनीति विरासत में मिली। चार बार विधायक चुने गए। पांचवीं बार की जीत उनके जीवन में यादगार बन गई। इसी जीत ने उन्हें मंत्री का ताज पहना दिया। 61 वर्षीय राठौर टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले के इकलौते कांग्रेसी विधायक थे। उन्होंने पृथ्वीपुर में भाजपा की जमानत जब्त करा दी थी। दोनों जिलों की पांचों विधानसभा सीटों में से सिर्फ एक पर कांग्रेस विजयी हुई है।

1980 से राजनैतिक शुरुआत
हायर सेकंडरी पास बृजेंद्र की राजनैतिक शुरुआत 1980 से हुई। सबसे पहले वे जिला युवक कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए गए थे। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे लौटकर नहीं देखा। 1981 में पृथ्वीपुर जनपद पंचायत के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। इसके बाद एक बार फिर जनपद अध्यक्ष चुने गए। राठौर को मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का नजदीकी माना जाता था। वे 1993 और 1998 में निवाड़ी विधानसभा से निर्दलीय चुनाव जीते थे। वर्ष 2003 में निवाड़ी से ही कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते। 2008 में पृथ्वीपुर नई विधानसभा बनी, जिसमें बृजेंद्र सिंह विधायक चुने गए। 2013 में भाजपा की अनीता नायक से लगभग 8 हजार वोट से चुनाव हार गए थे।

पिता स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे
उनके पिता स्वर्गीय अमर सिंह राठौर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे। बृजेंद्र को राजनीति विरासत में मिली है। उनका जन्म 1 जनवरी 1957 को जेर गांव में हुआ था। पत्नी मीरा गृहिणी हैं। उनका एक पुत्र नितेंद्र सिंह हैं।

1987 में वैद्यराज की उपाधि ली
बृजेंद्र सिंह ने सन 1973 में पृथ्वीपुर से हायर सेकंडरी परीक्षा उत्तीर्ण की। 1987 में इलाहाबाद के हिंदी विश्वविद्यालय से वैद्यराज की उपाधि ली। उन्हें जनता की नब्ज पकड़ना अच्छी तरह से आता था। यही वजह है कि वे पांचवीं बार विधायक निर्वाचित किए गए। वे ज्यादातर समय अपने विधानसभा क्षेत्र में ही व्यतीत करते थे।

रिपोर्ट: खान आशु

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