- Hindi News
- Local
- Mp
- Gwalior
- Datiya
- A Day Before The Doctor’s Son Became Positive, After Coming Out Of Home Isolation, The Doctor Opened A Clinic, Called A Crowd Of Patients, The Tehsildar Imposed A Fine Of Ten Thousand.
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
दतिया4 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
प्रतीकात्मक फोटो।
दतिया जिले के थरेट कस्बे में एक निजी क्लीनिक के डॉक्टर ने कोविड नियमों को तोड़ा। इतना ही नहीं इस डॉक्टर द्वारा सैकड़ों मरीजों के हेल्थ के साथ भी खिलवाड़ की गई। दरअसल, इस डॉक्टर के बेटा बीते रोज कोरोना पॉजिटिव निकला। ऐसी स्थिति में कोविड नियमों के मुताबिक डॉक्टर को होम आइसोलेशन में होना चाहिए था। परंतु डॉक्टर, अधिक कमाई की चाहत में मरीजों को क्लीनिक पर बुलाकर देखता रहा। जब प्रशासनिक अफसरों को इस बात की खबर लगी तो उन्होंने कार्रवाई की। डॉक्टर को जमकर फटकार लगाई और दस हजार का अर्थदंड लगाया। अब तक के अर्थदंड में यह सबसे बड़ी राशि मानी जा रही है। यह कार्रवाई सेंवढ़ा तहसीलदार साहिर खान द्वारा की गई।
जानकारी के अनुसार थरेट में निजी क्लीनिक का संचालन करने वाले डॉ. गोपाल सिंह पुत्र कान्हा सिंह द्वारा अपने क्लीनिक पर क्षमता से अधिक मरीजों को बैठा कर उनका इलाज किया जा रहा था। जबकि एक दिन पहले डॉक्टर का पुत्र अजीत सिंह भी कोरोना वायरस से संक्रमित चुका था। मामला संज्ञान में आते ही प्रशासन द्वारा क्लीनिक की जांच की गई। जिसमें पाया गया कि वहां मरीजों की अत्यधिक भीड़ के कारण कोरोना वायरस रोकने के लिए बनाई गई गाइडलाइन की अवहेलना की जा रही है। जिसको देखते हुए सेंवढ़ा तहसीलदार साहिर खान द्वारा डॉ. गोपाल सिंह को चिकित्सालय संचालन के मापदंडों का पालन नहीं करने तथा कोरोना वायरस के प्रसार करने का आरोपी मानते हुए उन पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत दस हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है।
अर्थदंड जमा न करने पर होगी वैधानिक कार्रवाई
अर्थदंड जमा नहीं करने पर उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करने एवं क्लीनिक सील करने की चेतावनी दी गई है। बता दें कि थरेट में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिसके बाद प्रशासन द्वारा डॉक्टर के खिलाफ पहली बार कार्रवाई की गई है।
क्लीनिक में क्षमता से अधिक भीड़ थी मरीजों की
प्रशासन द्वारा प्राइवेट क्लीनिकों पर रोगियों को दूर-दूर बैठाने एवं निर्धारित संख्या के अतिरिक्त लोगों की मौजूदगी पर प्रतिबंध लगाया गया है। बावजूद थरेट में एक डॉक्टर द्वारा पुत्र के संक्रमित होने के बावजूद अपनी क्लीनिक पर मरीजों की भीड़ इकट्ठी कर ली। क्लीनिक के अंदर मरीजों के बीच कोविड नियमों का पालन नहीं कराया जा रहा था। ऐसी स्थिति में संक्रमण फैलने का अंदेशा बना हुआ है।