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उज्जैन4 मिनट पहले
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- स्वामी मुस्कुराके तनाव के दौर में सबको मुस्कुराने, हंसाने के उपक्रम में जुटे
वैसे तो मई का पहला दिन दिवस ’मजदूर दिवस’ होता है, पर ’कोरोना संक्रमण काल’ में न मजदूर दिवस रहा और न ही राष्ट्र का मजबूत दिवस… अब हो गया ‘मजबूर दिवस’, ओ बई आ गया… 1 मई सबको सुई’ आज नहीं तो कल पर लगेगी तो सई। ऐसे ही हास्यात्मक शैली में शैलेंद्र व्यास स्वामी मुस्कुराके तनाव के विकटतम दौर में सबको मुस्कुराने ओर हंसाने के उपक्रम में जुटे हुए हैं।
वे कई दिनों से ‘कोरोना वायरस’ के संक्रमण के बचाव के मैसेज हास्य-व्यंग्य के साथ पिरोकर अनूठे अंदाज और आकर्षक वेशभूषा में सोशल मीडिया पर लोगों तक शार्ट वीडियो प्रेषित कर रहे है, जिसे देश-विदेश में भी पसंद किया जा रहा है। हर रविवार ‘कोरोना नृत्य’ परिवार सहित मस्ती आनंद के साथ वीडियो में प्रेषित करते हैं। शासकीय विद्यालय में प्रधानाचार्य व्यास का मानना है कि खुशी, मस्ती, आनंद, घर पर ही रहना, कोरोना वायरस इनसे डरता है और इनका कुछ कर नहीं पता है। इसलिए हर परिस्थिति का शांत चित्त होकर मुकाबला करें। पूर्व में स्वामी मुस्कुराके ने ‘कोरोना की जंग स्वामी मुस्कुराके संग, कोरोना संदेशों पर आधारित ‘कोरोना भगावत कथा’ का प्रकाशन किया था।