दमोह उप चुनाव : आरोपों से घिरे जयंत मलैया बोले- राहुल लोधी के खिलाफ था जन मानस, इसलिए हर वॉर्ड में हारे

दमोह उप चुनाव : आरोपों से घिरे जयंत मलैया बोले- राहुल लोधी के खिलाफ था जन मानस, इसलिए हर वॉर्ड में हारे


दमोह सीट से जयंत मलैया टिकट के प्रबल दावेदार थे.

Damoh. मलैया ने कहा राहुल के खिलाफ जनता में आक्रोश था. दलबदल और डेढ़ साल का जो परफॉर्मेंस दमोह विधानसभा सीट की जनता ने देखा वह उनकी नजरों में खरा नहीं उतरा.

जबलपुर. दमोह उपचुनाव (Damoh by Election) में राहुल लोधी की हार ने बीजेपी (BJP) की किरकिरी कर दी है. वो अब कांग्रेस को दोष देने के बजाए अपने ही लोगों को कोस रही है. इतनी करारी हार की उसने सपने में भी कल्पना नहीं की होगी. ज़ाहिर है निशाने पर दमोह के दिग्गज और असंतुष्ट नेता जयंत मलैया ही हैं. खुद को घिरता देख मलैया ने राहुल लोधी का ही हिसाब किताब गिना दिया. दमोह उप चुनाव परिणाम के बाद भाजपा की हालत भी कांग्रेस की तरह हो गयी है. जिन राहुल लोधी ने नवंबर 2018 में बीजेपी के दिग्गज और शिवराज सरकार में वित्त मंत्री रहे जयंत मलैया को कड़े मुकाबले में बहुत कम अंतर से हराया था. वही अब ढाई साल के अंतराल में 17 हजार मतों से हार गए. बीजेपी को अब सूझ नहीं रहा कि वो क्या कहे. वरिष्ठ नेताओं की बयानबाजी से पार्टी की अंदरूनी खींचतान तो उजागर हो ही रही है, ये भी साफ हो गया है कि भाजपा में अब सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. हर क्षेत्र में लोधी की हार कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन भारी मतों के साथ विजयी हुए हैं. उन्हें 17091 मतों से जीत मिली. उन्होंने भाजपा के राहुल सिंह लोधी को अमूमन शहर और देहात हर क्षेत्र में हराया. परिणाम आने के बाद राहुल सिंह लोधी जयंत मलैया और उनके बेटे पर जमकर बरसे थे. स्पष्ट आरोप लगाए थे कि यह हार मलैया की वजह से ही हुई है.राहुल का हिसाब-किताब जयंत मलैया पर आरोप लगे तो उन्होंने भी राहुल लोधी का कच्चा चिट्ठा गिना दिया. मलैया का कहना है कि जनमानस राहुल सिंह लोधी के खिलाफ था. उपचुनाव में मिली हार भाजपा की हार नहीं बल्कि राहुल सिंह लोधी की हार है. जहां तक आरोप है कि राहुल मेरा वॉर्ड हारे हैं, तो मैं ये जानकारी दे दूं कि राहुल ना केवल मेरा बल्कि केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल सहित भाजपा के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों का वॉर्ड भी हार गए. स्पष्ट है कि यह हर भाजपा की नहीं है.

दलबदल और खराब परफॉर्मेंस रिपोर्ट मलैया यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा राहुल के खिलाफ जनता में आक्रोश था. दलबदल और डेढ़ साल का जो परफॉर्मेंस दमोह विधानसभा सीट की जनता ने देखा वह उनकी नजरों में खरा नहीं उतरा. यही वजह है कि जनता ने उन्हें नकार दिया. मलैया ने यह भी कहा कि जब 2018 में मैं चुनाव हारा था तो मैंने किसी पर इसका ठीकरा नहीं फोड़ा. जबकि उस वक्त भी रामकृष्ण कुसमरिया निर्दलीय चुनाव लड़े थे. उन्होंने भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगायी थी.









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