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- Remdacivir Injections Were Sold For 25 To 50 Thousand; Medical Director Arrested With Mail female Nurse Of Private Hospital
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देवास2 मिनट पहले
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मामले की जानकारी देते SP डॉ शिवदयाल सिंह।
कोरोना महामारी में लोग अपनों की जान बचाने के लिए सभी प्रकार के प्रयास कर रहे है। वही कुछ ऐसे लोग भी है जो इस आपदा में भी अवसर को ढूंढने से बाज नहीं आ रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान सबसे ज्यादा ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की आवश्यकता हो रही है। इसी का कुछ अवसरवादी लोग फायदा उठा रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान अस्पताल मंदिर है और यहा के डॉक्टर और नर्स भगवान का रूप है। लेकिन इस अस्पताल रूपी मंदिर में भी नर्स और कंपाउंडर आपदा में अवसर तलाशने में पीछे नहीं है। ऐसा ही मामले का सोमवार को देवास में पुलिस ने पर्दाफाश किया। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपी 25 से 50 हजार तक में इंजेक्शन बेच रहे थे।
देवास के प्राइम हॉस्पिटल की नर्स और कंपाउंडर उत्कृष्ट विद्यालय के पास रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते पकड़े गए। SP डॉ शिवदयाल सिंह ने रेमडेसिविर इंजेक्शन और दवाइयों की कालाबाजारी करने के मामले में गिरोह के तीन लोगों को पकड़ने का खुलासा किया। कोतवाली थाना TI उमरावसिंह को मुखबिर से सूचना मिली थी कि प्राइम हॉस्पिटल के कर्मचारी रेमडेसिविर की कालाबाजारी कर रहा है। इसी आधार पर मुखबिर को ग्राहक बनाकर पुलिस पहुंची और दोनों से सौदेबाजी की। 27 हजार रुपए में एक इंजेक्शन देना तय हुआ था। जैसे ही इंजेक्शन लेकर आए पुलिस ने प्राइम हॉस्पिटल की नर्स पूजा पिता देवीसिंह कलासिया (20) निवासी ग्राम बारोली थाना सोनकच्छ हालमुकाम राजाराम नगर, देवास और कंपाउंडर अंकित पिता राजाराम पटेल (20) निवासी मेंढकीचक, देवास को गिरफ्तार कर लिया है।
कालाबाजारी करने वाले को जमानत नहीं:कोर्ट ने कहा – रेमडेसिविर के आभाव में पीड़ित की मृत्यु होना, अप्रत्यक्ष रूप से मरीजों को मौत बांटने के समान, इसलिए जमानत देना उचित नहीं
बताया जा रहा है कि इंदौर और उज्जैन के कुछ लोग भी इस गिरोह में शामिल है। फिलहाल कोतवाली पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मप्र ड्रग कंट्रोल सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। पुलिस इनके खिलाफ रासुका के तहत भी कार्रवाई करेगी। पुलिस को पूजा ने पूछताछ में बताया कि नावेल्टी चौराहे पर स्थित फायदा मेडिकल स्टोर से संचालक रूद्र पिता भगवती तिवारी (24) निवासी मुक्ति मार्ग को 5 दिन पहले दो रेमडेसिविर इंजेक्शन 22 हजार और 25 हजार रुपए में बेचा था। पुलिस को आशंका है कि इस गिरोह में अन्य लोगों के साथ हॉस्पिटल के लोग भी शामिल है। SP डॉ शिवदयाल सिंह ने बताया कि पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। अभी तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।