देवास में कोरोना का ऐसा भी डर: सास का शव एंबुलेंस में लेकर तीन घंटे तक भटकती रही बहू; ग्रामीणों के विरोध के चलते पुलिस की मौजूदगी में करना पड़ा अंतिम संस्कार

देवास में कोरोना का ऐसा भी डर: सास का शव एंबुलेंस में लेकर तीन घंटे तक भटकती रही बहू; ग्रामीणों के विरोध के चलते पुलिस की मौजूदगी में करना पड़ा अंतिम संस्कार


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देवास17 मिनट पहले

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कोरोना महामारी का डर इस कदर है कि लोग मानवता भूल गए। बागली तहसील के गांव मातमोर की महिला अपनी सास के शव को लेकर करीब तीन घंटे तक एक गांव से दूसरे गांव भटकती रही। लोग महामारी के डर के कारण अपने गांव के मुक्तिधाम पर अंतिम संस्कार नहीं करने दे रहे थे।

बाद में पुलिस की मदद से रात करीब 8 बजे अंतिम संस्कार हुआ। मातमोर की 65 वर्षीय कुंताबाई एवं उनकी बहू बबीता अपने परिवार वालों से चल रहे झगड़े के कारण करीब तीन साल से चापड़ा में किराए से रह रही थी। कुंताबाई की तबीयत खराब होने पर बहू बबीता ने उन्हें कुछ दिन पहले ही हाटपिपल्या के निजी अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां शनिवार शाम करीब 4 बजे कुंताबाई की मौत हो गई।

बबीता शाम करीब 5 बजे एंबुलेंस में सास का शव और साथ में एक निजी वाहन में चिता जलाने के लिए लकड़ी लेकर चापड़ा के श्यामनगर मुक्तिधाम पहुंची, लेकिन यहां लोगों ने अंतिम संस्कार करने से मना करते हुए कहा कि तुम्हार गांव मातमोर है। इसलिए अंतिम संस्कार भी वहीं पर जाकर करो। इसके बाद महिला अपनी सास के शव को लेकर अपने गांव मातमोर पहुंची, लेकिन यहां परिवार वालों ने मना करते हुए कहा कि तुमसे हमारा कोई रिश्ता नहीं है। तुम जहां रह रहे थे वहीं अंतिम संस्कार करो।

एंबुलेंस में शव लेकर भटकती रही महिला।

एंबुलेंस में शव लेकर भटकती रही महिला।

पुलिस के सामने भी जताया विरोध, लेकिन सख्ती और समझाइश पर माने

दो जगह सास का शव नहीं जलाने की जगह मिलने पर वह वापस चापड़ा और पुलिस सहायता केंद्र पहुंची। यहां आरक्षक किरथ गुर्जर व रघुवीरसिंह ठाकुर को पूरी घटना बताई। फिर पुलिस के साथ महिला श्यामनगर के मुक्तिधाम पहुंची, लेकिन लोग फिर आ गए और विरोध करने लगे। सूचना मिलते ही बागली टीआई जयराम चौहान मौके पर पहुंचे। लोगों को काफी समझाइश दी, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे।

टीआई ने कहा कि हमारे क्षेत्र के कई लोगों के भी अंतिम संस्कार इंदौर एवं देवास के मुक्तिधाम में हो रहे हैं। ऐसे समय में वह इंकार कर दे तो फिर कहां अंतिम संस्कार होंगे। इसलिए इन्हें अंतिम संस्कार करने दें। टीआई ने यह भी कहा कि अब यदि किसी ने मना किया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद महिला के दो भाइयो और एंबुलेंस व लकड़ी वाहन वालों ने मिलकर अंतिम संस्कार किया।

पुलिस की मदद से किया गया अंतिम संस्कार।

पुलिस की मदद से किया गया अंतिम संस्कार।

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