बंगाल विधान सभा में होगी 2 क्रिकेटरों की भिड़ंत; बल्लेबाज TMC और गेंदबाज BJP से जीता

बंगाल विधान सभा में होगी 2 क्रिकेटरों की भिड़ंत; बल्लेबाज TMC और गेंदबाज BJP से जीता


West Bengal Elections 2021: पश्चिम बंगाल चुनाव में 2 बड़े क्रिकेटरों मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) और अशोक डिंडा (Ashok Dinda) ने जीत दर्ज की है. ये दोनों क्रिकेटर अलग-अलग पार्टियों का प्रतिनिधित्व करते हैं. मनोज तिवारी टीएमसी (TMC) और अशोक डिंडा बीजेपी (BJP) से विधायक बने हैं.

West Bengal Elections 2021: पश्चिम बंगाल चुनाव में 2 बड़े क्रिकेटरों मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) और अशोक डिंडा (Ashok Dinda) ने जीत दर्ज की है. ये दोनों क्रिकेटर अलग-अलग पार्टियों का प्रतिनिधित्व करते हैं. मनोज तिवारी टीएमसी (TMC) और अशोक डिंडा बीजेपी (BJP) से विधायक बने हैं.

नई दिल्ली. क्रिकेटरों के बीच भिड़ंत आमतौर पर मैदान पर दिखती है, लेकिन बंगाल में ऐसा विधान सभा के भीतर देखने को मिलने वाला है. पश्चिम बंगाल चुनाव (West Bengal Elections) में 2 बड़े क्रिकेटरों ने जीत दर्ज की है. दिलचस्प बात यह है कि ये दोनों क्रिकेटर अलग-अलग पार्टियों का प्रतिनिधित्व करते हैं. मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) टीएमसी से विधायक बने हैं, जिसे विधानसभा में दो तिहाई बहुमत मिला है. अशोक डिंडा (Ashok Dinda) बीजेपी से विधायक बने हैं. मनोज तिवारी और अशोक डिंडा दोनों ही बंगाल चुनाव से ठीक पहले क्रमश: टीएमसी (TMC) और भाजपा (BJP) में शामिल हुए थे. 35 साल के मनोज तिवारी (Manoj Tiwary) ने शिबपुर विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की. उन्होंने भाजपा के रतिन चक्रवर्ती को 6000 से अधिक वोट से हराया. मनोज तिवारी ने कहा कि उन्होंने पिछले साल कोविड-19 (Covid-19) के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की दशा देखकर क्रिकेट की बजाय राजनीति में जाने का मन बनाया. 37 साल के अशोक डिंडा (Ashok Dinda) ने मोइना विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की. उन्होंने टीएमसी के संग्राम कुमार दोलाई को 1260 से अधिक वोट से हराया. संग्राम कुमार ने पिछले विधान सभा चुनाव में यही सीट 12 हजार से अधिक वोटों से जीती थी. अशोक डिंडा भारत की ओर से 13 वनडे और 9 टी20 मैच खेल चुके हैं. मनोज तिवारी 12 वनडे और 3 टी20 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. बंगाल के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक मनोज तिवारी ने कहा, ‘मैं इन चुनावों के लिए अच्छी तरह से तैयार था और मैंने जीत के लिए कड़ी मेहनत की थी. मैं जानता हूं कि राजनीति आसान काम नहीं है और एक अलग क्षेत्र से जुड़े रहे नए व्यक्ति के लिये यह अधिक मुश्किल हो जाती है. मैंने शिबपुर में घर घर जाकर प्रचार किया. वे मेरे इरादों से वाकिफ थे.’







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