परिवार पॉजिटिव हुआ तो समझ आई जरूरत: ड्यूटी ज्वाइन करते ही संभाली ऑक्सीजन सुरक्षा की जिम्मेदारी

परिवार पॉजिटिव हुआ तो समझ आई जरूरत: ड्यूटी ज्वाइन करते ही संभाली ऑक्सीजन सुरक्षा की जिम्मेदारी


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भोपालएक मिनट पहले

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गोविंदपुरा स्थित ऑक्सीजन प्लांट पर चर्चा करते टीआई आलोक श्रीवास्तव।

मेरी बेटी दीपांशी और पत्नी अभिरुचि श्रीवास्तव दोनों 6 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव आ गई थीं। दो दिन बाद ही उनका ऑक्सीजन लेवल 90-91 पर पहुंच गया। अस्पतालों में बेड खाली नहीं थे, इसलिए जैसे-तैसे मैंने घर पर ही ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कर उनका इलाज करवाया। पत्नी को शुगर भी है, इसलिए उनकी तबीयत ज्यादा खराब थी।

जब तक दोनों की रिपोर्ट निगेटिव नहीं आई, तब तक छुट्‌टी पर ही रहा। 21 अप्रैल को मैंने ड्यूटी ज्वाइन की तो अशोका गार्डन थाना प्रभारी होने के कारण मुझे अपने क्षेत्र के 4 ऑक्सीजन प्लांट की सुरक्षा का प्रभारी बना दिया। यह बात टीआई आलोक श्रीवास्तव ने बताई। उन्होंने कहा कि परिवार के पॉजिटिव होने के बाद ऑक्सीजन की ज्यादा अहमियत समझ में आ चुकी थी, इसलिए कोशिश करता हूं कि किसी भी जरूरतमंद के काम आ सकूं।

चारों ऑक्सीजन प्लांट पर 39 पुलिसकर्मी हैं तैनात

एसपी साउथ साईं कृष्णा ने बताया कि गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया में ऑक्सीजन के 4 प्लांट हैं। यहां से ही शहर के सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है। इन प्लांट पर 24 घंटे 39 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। एसआई स्तर के 4 अधिकारी नियुक्त किए हैं, जो टीआई को रिपोर्ट करते हैं।

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